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English Medium Class 10 - CBSE Important Questions for Hindi Course - A

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Hindi Course - A
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गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान मानती हैं क्योंकि -

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0101] सूरदास : पद
Concept: पद

परशुराम के क्रोधित होने का कारण था -

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0102] तुलसीदास : राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
Concept: राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

'आत्मकथ्य' से उद्धृत निम्नलिखित काव्य-पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए -

“उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।”

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0104] जयशंकर प्रसाद : आत्मकथ्य
Concept: आत्मकथ्य

‘उत्साह’ कविता के काव्य-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए।

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0105] सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' : उत्साह और अट नहीं रही है
Concept: उत्साह

‘निराला’ ने ‘उत्साह’ कविता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के क्या संदेश दिए हैं? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0105] सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' : उत्साह और अट नहीं रही है
Concept: उत्साह

'अट नहीं रही है' कविता में कवि ने फागुन मास के सौंदर्य को किस प्रकार चित्रित किया है?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0105] सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' : उत्साह और अट नहीं रही है
Concept: अट नहीं रही है

“धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात........
छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात”

'तुम्हारी ये दंतुरित मुस्कान' से ली गई उपर्युक्त पंक्तियों में प्रयुक्त बिम्ब को स्पष्ट कीजिए।

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0106] नागार्जुन : यह दंतुरित मुसकान और फसल
Concept: यह दंतुरित मुसकान

“मिट्टी के गुण-धर्म को सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है?” 'फसल' कविता के आधार पर लिखिए।

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0106] नागार्जुन : यह दंतुरित मुसकान और फसल
Concept: फसल

‘कन्यादान’ कविता में शाब्दिक भ्रम किसे और क्यों कहा गया है?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0108] ऋतुराज : कन्यादान
Concept: कन्यादान

वर्तमान में ‘कन्यादान’ जैसी परंपरा के औचित्य-अनौचित्य पर अपने तर्कसंगत विचार लिखिए।

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0108] ऋतुराज : कन्यादान
Concept: कन्यादान

निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सही विकल्प का चयन कर लिखिए -

या अपने ही सरगम को लाँघकर
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार की स्थायी को सँभाले रहता है
जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
जब वह नौसिखिया था
तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर

  1.  मुख्य गायक अपने ही सरगम को किस कारण लाँघ जाता है?
    1. गाने की रौ में भटकने के कारण
    2. संगतकार द्वारा साथ देने के कारण
    3. संगतकार द्वारा साथ न देने के कारण 
    4. संगतकार नौसिखिया था
  2. मुख्य गायक कहाँ भटक जाता है?
    1. समुद्र के भँवरजाल में 
    2. बचपन की स्मृतियों में
    3. तबले की ताल में
    4. शोर-गूँज के भँवरजाल में
  3. मुख्य गायक के भटकने पर संगतकार उसकी सहायता कैसे करता है?
    1. उसका सामान उठाकर
    2. उसका हाथ पकड़कर
    3. स्थायी को सँभालकर
    4. बचपन की याद दिलाकर
  4.  “जब वह नौसिखिया था”- इस वाक्य में 'वह' किसके लिए आया है?
    1. संगतकार
    2. मुख्य गायक
    3. संयोजक
    4. बाँसुरी वादक
  5.  'तारसप्तक' में जब बैठने लगता है उसका गला। यहाँ 'तारसप्तक' से क्या अभिप्राय है?
    1. धीमा स्वर 
    2. शुद्ध स्वर
    3. दुगुना धीमा स्वर
    4. दुगुना ऊँचा स्वर
Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0109] मंगलेश डबराल : संगतकार
Concept: संगतकार

निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सही विकल्प का चयन कर लिखिए -

मुख्य गायक की गरज में
वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
खो चुका होता है
या अपने ही सरगम को लाँघकर
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार ही स्थायी को सँभाले रहता है
जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
जब वह नौसिखिया था
तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
  1. 'मुख्य गायक की गरज़ में संगतकार अपनी गूँज प्राचीन काल से मिला रहा है' - कथन में प्राचीन काल का तात्पर्य है -
    1. पुराने युग से
    2. हमेशा से
    3. बचपन से 
    4. गाने के आरंभ से
  2. मुख्य गायक अंतरे की जटिल तानों के जंगल में क्यों खो जाता है?
    1. कई बार सिद्धस्थ गायक भी किसी सुर-ताल में उलझ जाते हैं।
    2. गाना एक जंगल जैसा है जिसमें भटक जाना सहज ही हो जाता है।
    3. अपने ही गाने की लय में डूबकर भटक जाता है।
    4. महान गायक भी कभी-कभी कमज़ोर पड़ जाते हैं।
  3. संगतकार किस तरह से मुख्य गायक की सहायता करता है?
    1. मुख्य गायक के भटकने पर स्थायी को सँभाल कर।
    2. मुख्य गायक को उसके बचपन की याद दिलाकर।
    3. मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान समेट कर।
    4. मुख्य गायक के साथ अंतरे को गाकर।
  4. संगतकार मुख्य गायक को ढॉँढ़स कब बँधाता है?
    इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए निम्नलिखित कथनों को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए -
    कथन -
    (क) जब उसका गला बैठने लगता है।
    (ख) जब वह निरुत्साहित होने लगता है।
    (ग) जब उसकी आवाज़ मंद पड़ने लगती है।
    विकल्प:
    1. केवल (क)
    2. केवल (ग)
    3. (क), (ख) और (ग)
    4. (क) और (ग)
  5. 'तारसप्तक' में मुख्य गायक का गला क्यों बैठते लगता है?
    1. वह गाते-गाते थक चुका होता है।
    2. इसमें स्वरों को ऊँचाई-निचाई पर चढ़ाना होता है।
    3. उसे बार-बार गाना पड़ता है।
    4. आवाज़ की गूँज अब नष्ट हो चुकी होती है।
Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0109] मंगलेश डबराल : संगतकार
Concept: संगतकार

निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए -

जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई तब भी हालदार साहब इस मूर्ति के बारे में सोचते रहे, और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्त्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है वरना तो देश-भक्ति भी आजकल मज़ाक की चीज़ होती जा रही है।

दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुज़रे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है।पहले मोटे फ्रेमवाला चौकोर-चश्मा था, अब तार के फ्रेमवाला गोल चश्मा है।

  1. जीप के आगे बढ़ने पर भी हालदार साहब का मूर्ति के बारे में सोचते रहने का कारण था -
    1. देशप्रेम की भावना
    2. कस्बे में लगी मूर्ति का सौंदर्य
    3. मूर्ति पर संगमरमर का चश्मा न होना 
    4. मूर्ति का रख-रखाव न होना
  2. हालदार साहब ने नागरिकों के प्रयास को बताया -
    1. उदारवादी
    2. अकल्पनीय
    3. प्रशंसनीय
    4. बचकाना
  3. “दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुज़रे” इस वाक्य में 'उधर' शब्द किसके लिए संकेत है?
    1. कस्बे के लिए 
    2. चौराहे के लिए
    3. नगरपालिका के लिए
    4. उत्साही लेखक के लिए
  4. उन्होंने मूर्ति में क्या अंतर देखा?
    1. मूर्ति ने कपड़े पहने हैं 
    2. मूर्ति ने शाल ओढ़ी है
    3. मूर्ति पर चश्मा बदल गया है 
    4. मूर्ति को पेंट कर दिया है
  5. हालदार साहब जीप से कहाँ जाते थे?
    1. कस्बे में लगी मूर्ति देखने
    2. अपनी फैक्टरी का काम देखने
    3. अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने
    4. कम्पनी के काम से कस्बे से आगे
Appears in 3 question papers
Chapter: [0.011000000000000001] स्वयं प्रकाश : नेताजी का चश्मा
Concept: नेताजी का चश्मा

किस घटना के आधार पर कहा जा सकता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे? 

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0111] रामवृक्ष बेनीपुरी : बालगोबिन भगत
Concept: बालगोबिन भगत

'नवाब साहब ने खीरे बाहर फेंक दिए' - आपकी दृष्टि में उनका यह व्यवहार कहाँ तक उचित है?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.011200000000000002] यशपाल : लखनवी अंदाज़
Concept: लखनवी अंदाज़

हम कैसे कह सकते हैं कि मन्‍नू भंडारी के पिता बेहद कोमल और संवेदनशील व्यक्ति थे?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.011399999999999999] मन्नू भंडारी : एक कहानी यह भी
Concept: मन्नू भंडारी

निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए -

यों खेलने को हमने भाइयों के साथ गिल्ली-डंडा भी खेला और पतंग उड़ाने, काँच पीसकर माँजा सूतने का काम भी किया, लेकिन उनकी गतिविधियों का दायरा घर के बाहर ही अधिक रहता था और हमारी सीमा थी घर। हाँ, इतना जरूर था कि उस जमाने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थीं इसलिए मोहल्ले के किसी भी घर में जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, बल्कि कुछ घर तो परिवार का हिस्सा ही थे। आज तो मुझे बड़ी शिद्दत के साथ यह महसूस होता है कि अपनी ज़िंदगी खुद जीने के इस आधुनिक दबाव ने महानगरों के फ़्लैट में रहने वालों को हमारे इस परंपरागत 'पड़ोस-कल्चर' से विच्छिन्न करके हमें कितना संकुचित, असहाय और असुरक्षित बना दिया है। मेरी कम-से-कम एक दर्जन आरंभिक कहानियों के पात्र इसी मोहल्ले के हैं जहाँ मैंने अपनी किशोरावस्था गुज़ार अपनी युवावस्था का आरंभ किया था। एक-दो को छोड़कर उनमें से कोई भी पात्र मेरे परिवार का नहीं है। बस इनको देखते-सुनते, इनके बीच ही मैं बड़ी हुई थी लेकिन इनकी छाप मेरे मन पर कितनी गहरी थी, इस बात का अहसास तो मुझे कहानियाँ लिखते समय हुआ। इतने वर्षों के अंतराल ने भी उनकी भाव-भंगिमा, भाषा, किसी को भी धुँधला नहीं किया था और बिना किसी विशेष प्रयास के बड़े सहज भाव से वे उतरते चले गए थे।
  1. भाइयों की गतिविधियों का दायरा घर के बाहर रहने और बहनों की सीमा घर होने का क्या अभिप्राय है?
    1. लड़कियों एवं लड़कों में आत्मीयता और बंधुत्व नहीं था।
    2. भाई-बहन एक साथ ज़्यादा समय नहीं बिताते थे।
    3. लड़कों को पूरे संसार की आज़ादी थी पर लड़कियाँ घरों के दायरे में सीमित।
    4. लड़के अधिकतर मोहल्ले में भटकते थे जबकि लड़कियाँ घर में रहती थीं।
  2. 'घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती' - से आप क्या समझते हैं?
    1. घर में आज की तरह दीवारें नहीं होती थीं।
    2. पूरे-मोहल्ले को घर का हिस्सा माना जाता था।
    3. पुराने समय में घर बड़े होते थे, न कि माचिस की डिब्बियाँ।
    4. लोग खुले दिल के थे इसलिए अपने घर में अज़नबियों को भी जगह देते थे।
  3. लेखिका ने अपने पात्रों के विषय में जो बताया है उसके अनुसार असत्य कथन है -
    1. उनकी आरंभिक कहानियों के पात्र बाद के जीवन से आए हैं।
    2. उनके एक-दो पात्रों को छोड़ दें तो कोई उनके परिवार से नहीं।
    3. जिस मोहल्ले में उनकी किशोरावस्था बीती वहीं से लगभग दर्जन भर पात्र लिए।
    4. आरंभिक कहानियों के पात्रों को देखते-सुनते उनके बीच ही लेखिका बड़ी हुई।
  4. 'पड़ोस कल्चर' से अलग होकर हम कैसे होते जा रहे हैं?
    1. संकुचित, असहाय और सुरक्षित
    2. संकुचित, शंकालु और असुरक्षित
    3. संकुचित, असहाय और संरक्षित 
    4. संकुचित, असहाय और असुरक्षित
  5. कहानियाँ लिखते हुए लेखिका को क्या अहसास हुआ?
    1. समय बीतने के कारण उनकी स्मृति अब क्षीण पड़ रही है।
    2. इतना समय बीतने के बाद भी उन्हें वे लोग अपने हावभाव के साथ याद थे।
    3. अपने परिचित व्यक्ति के बारे में लिखना आसान तो नहीं है।
    4. समय के अंतराल ने उनकी भाव-भंगिमा, भाषा आदि को धुँधला कर दिया था।
Appears in 3 question papers
Chapter: [0.011399999999999999] मन्नू भंडारी : एक कहानी यह भी
Concept: एक कहानी यह भी

गद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:

बिस्मिल्ला खाँ को लेखक 'मंगल ध्वनि का नायक' क्यों कहता है?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0116] यतींद्र मिश्र : नौबतखाने में इबादत
Concept: नौबतखाने में इबादत

शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी क्यों हैं?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0116] यतींद्र मिश्र : नौबतखाने में इबादत
Concept: नौबतखाने में इबादत

भारत रत्न बिस्मिल्ला खाँ पर 'सादा जीवन उच्च विचार' वाली कहावत चरितार्थ होती है, कैसे?

Appears in 3 question papers
Chapter: [0.0116] यतींद्र मिश्र : नौबतखाने में इबादत
Concept: नौबतखाने में इबादत
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