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प्रश्न
आण्विकता केवल प्राथमिक अभिक्रिया के लिए अनुप्रयोज्य क्यों है, जबकि अभिक्रिया की कोटि प्राथमिक तथा जटिल दोनों के लिए अनुप्रयोज्य है?
उत्तर
जटिल अभिक्रिया, प्राथमिक अभिक्रियाओं द्वारा कई चरणों में अग्रसारित होती है। प्रत्येक प्राथमिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणुओं की संख्या अलग हो सकती है, यानी प्रत्येक पद की आण्विकता अलग होगी अत: समग्र अभिक्रिया की आण्विकता पर विचार करना निरर्थक होता है। दूसरी ओर जटिल अभिक्रिया की कोटि क्रियाविधि के सबसे धीमे पद द्वारा निर्धारित होती है और यह जटिल अभिक्रियाओं के संबंध में भी निरर्थक नहीं होती।
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अभिक्रिया की कोटि के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है?
एक छद्म प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक का मान ______।
उच्च दाब पर निम्नलिखित अभिक्रिया शून्यकोटि की है।
\[\ce{2NH3 (g) ->[1130 K][\text{प्लैटिनम उत्प्रेरक}] N2(g) + 3H2 (g)}\]
इस अभिक्रिया के लिए कौन-से विकल्प सही है?
- अभिक्रिया का वेग = वेग स्थिरांक
- अभिक्रिया की दर अमोनिया की सांद्रता पर निर्भर करती है।
- अमोनियम के विघटन की दर संपूर्ण अमोनिया विघटित होने तक स्थिर रहेगी।
- दाब में और अधिक वृद्धि अभिक्रिया की दर परिवर्तित कर देगी।
प्रथम कोटी की अभिक्रिया के लिए निम्नलिखित में से कौन-से ग्राफ सही हैं?
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
किस प्रकार की अभिक्रियाओं के लिए आणिवकता तथा कोटि के मान समान होते हैं?
शून्य कोटि अभिक्रिया के पूर्ण होने में लगने वाले समय के परिकलन के लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
स्पष्ट कीजिए कि क्या शून्य कोटि अभिक्रिया के लिए अणुसंख्यकता शून्य होगी।
एक सामान्य अभिक्रिया A →B के लिए A की सांद्रता तथा समय के मध्य ग्राफ चित्र में दिया गया है।
- अभिक्रिया की कोटि क्या है?
- वक्र का ढाल क्या है?
- वेग स्थिरांक की इकाई क्या है?
कॉलम I में दिए गए ग्राफ और कॉलम II में दी गई अभिक्रिया की कोटि को सुमेलित कीजिए। कॉलम I के एक से अधिक पद्, कॉलम II के समान पद से संबंधित हो सकते हैं।
कॉलम I | कॉलम II |
(i) |
|
(ii) |
(a) प्रथम कोटि |
(iii) |
(b) शून्य कोटि |
(iv) |
अभिकथन - अभिक्रिया की कोटि शून्य अथवा भिन्नात्मक हो सकती है।
तर्क - संतुलित रासायनिक समीकरण से हम कोटि का निर्धारण नहीं कर सकते।