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आतंकवाद सुरक्षा के लिए परंपरागत खतरे की श्रेणी में आता है या अपरंपरागत? - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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प्रश्न

आतंकवाद सुरक्षा के लिए परंपरागत खतरे की श्रेणी में आता है या अपरंपरागत?

संक्षेप में उत्तर

उत्तर

आतंकवाद सुरक्षा के लिए अपरंपरागत श्रेणी में आता है। आतंकवाद का आशय राजनितिक खून - खराबे से है जो जान बूझकर और बिना किसी मुरोब्बत के नागरिक को अपना निशाना बनाता है। अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद एक से ज्यादा देशों में व्याप्त है और उसके निशाने पर कई देशों के नागरिक हैं। कोई राजनीतिक संदर्भ या स्थिति नापसंद हो तो आतंकवादी समूह उसे बल - प्रयोग अथवा बल - प्रयोग की धमकी देकर बदलना चाहते हैं। जनमानस को आंतकित करने के लिए नागरिकों को निशाना बनाया बनाया जाता है। आतंकवादयों का नागरिकों के असंतोष का इस्तेमाल राष्ट्रय सरकारों अथवा संघर्षों में शामिल अन्य पक्ष के खिलाफ करता है। आतंकवादयों का मकसद ही आतंक फैलाना है अतः वे असैनिक स्थानों अर्थात आम लोगों को अपनी दहशतगर्दी का निशाना बनाते होते हैं तो दूसरी और उन्हें प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ता। आम लोग आसानी से उनके शिकार बन जाते हैं। आतंकवाद के चिर - परिचित उदाहरण है विमान अपहरण अथवा भीड़ भरी जगहों पर बम लगाना सन 2001 में 11 सितंबर को अमरीका के वर्ल्ड टेड सेंटर पर आतंकवायों ने हमला बोला। इस घटना के बाद से दूसरे देश और वहाँ की सरकारों आतंकवाद पर ध्यान देने लगी हैं। गुजरे वक्त में आतंकवाद की अधिकांश घटनाएँ मध्यपूर्ण यूरोप, लातिनी अमरीक और दक्षिण एशिया में हुई।

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खतरे के नये स्रोत
  क्या इस प्रश्न या उत्तर में कोई त्रुटि है?
अध्याय 7: समकालीन विश्व में सुरक्षा - प्रश्नावली [पृष्ठ ११५]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Political Science [Hindi] Class 12
अध्याय 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा
प्रश्नावली | Q 5. | पृष्ठ ११५
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