Advertisements
Advertisements
प्रश्न
अधोलिखितश्लोकेभ्यः तृतीयाविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
दरिद्रता धौरतया विराजते,
कुवस्त्रता शुभ्रतया विराजते।
कदन्नता चोष्णतया विराजते,
कुरूपता शीलतया विराजते।
______ | ______ | ______ | ______ |
उत्तर
धौरतया | शुभ्रतया | शीलतया | उष्णतया |
APPEARS IN
संबंधित प्रश्न
उचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
______ विकसन्ति
उदाहरणानुसारं शब्दरचनां कुरुत –
यथा-वानराः
उदाहरणानुसारं लिखित –
शब्द: | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुचनम् |
पत्र | द्वितीया | पत्रम् | पत्रे | पत्राणि |
फल | ______ | ______ | ______ | ______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
सः जनः______ अन्धः तथापि पराश्रितः न अस्ति।
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
शाखा | तृतीया | शाखाया | शाखाभ्याम् | शाखाभिः |
लता | ______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
शाखा | तृतीया | शाखाया | शाखाभ्याम् | शाखाभिः |
रमा | ______ | ______ | ______ | ______ |
अधोलिखितशब्दान् उदाहरणानुसारं लिखत –
श्रमिकः | ||
श्रमिकाय | श्रमिका | श्रमिकाभ्याम् |
जन: | ||
______ | ______ | ______ |
कोष्ठकप्रदत्तपदैः सह उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
स्व ______ किं किं कुरुते मानवः।(प्रसन्नता)
अधोलिखितशब्दान् उदाहरणानुसारं लिखत –
पत्त्रं | ||
पत्राय | पत्रेभ्याम् | पत्रेभ्यः |
पुष्पम् | ||
______ | ______ | ______ |
घटात् चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि चित्वा उचितकोष्ठके लिखत –
एकवचन | द्विवचनम | बहुवचनम |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ |
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
विद्या विवादाय धनं मदाय।
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय।
कोष्ठके प्रदत्तशब्दैः सह उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत।
______ मा प्रमदः। (स्वाध्याय)
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
यथा- मित्रम् | पञ्चमी | मित्रम् | मित्राभ्याम् | मित्रेभ्यः |
गात्रम् | ______ | ______ | ______ | ______ |
षष्ठीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते
आयुर्विद्या यशो बलम्।
अभिवादनशीलस्य | वृद्धोपसेविनः |
तस्य |
उदाहरणानुसारं लिखत –
नर | ||
नरस्य | नर्योः | नराणां |
नदी | ||
______ | ______ | ______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा लिखत –
______ रक्षायाः विषये सचेताः भयेवुः।
सप्तमीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
उत्सवे व्यसने चैव
दुर्भिक्षे शत्रुविग्रहे।
राजद्वारे श्मशाने च,
यस्तिष्ठति स बान्धवः।
सप्तमीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
परोक्षे कार्यहन्तारम्,
प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्ययेत् तादृशं मित्रम्,
विषकुम्भं पयोमुखम्॥