हिंदी

नमूने के अनुसार लिखो: उस तरु से इस तरु पर आता, जाता हूँ धरती की ओर। - Hindi (हिंदी)

Advertisements
Advertisements

प्रश्न

नमूने के अनुसार लिखो:
नमूना →
छोड़ घोंसला बाहर आया. देखी डालें, देखे पात। 
  चुरुंगन घोंसला छोड़कर बाहर आया। उसने डालें और पत्ते देखे।

उस तरु से इस तरु पर आता,
जाता हूँ धरती की ओर।

एक पंक्ति में उत्तर

उत्तर

चुरुंगुन एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष पर आता-जाता रहता है। वह धरती की ओर भी जाने लगा है।

shaalaa.com
पद्य (Poetry) (Class 7)
  क्या इस प्रश्न या उत्तर में कोई त्रुटि है?
अध्याय 1: चिड़िया और चुरुंगुन - अभ्यास [पृष्ठ ३]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Hindi - Durva Part 2 Class 7
अध्याय 1 चिड़िया और चुरुंगुन
अभ्यास | Q 1. घ | पृष्ठ ३

संबंधित प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्न

कवि देशवासियों को कैसी तान सुनाना चाहता है?


बहुविकल्पी प्रश्न

इस कविता के रचयिता कौन हैं?


पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?


यह कविता किस वाद से प्रभावित है?


कवि के अनुसार जीवन का रहस्य क्या है?


चुरुंगुन अभी-अभी अपने घोंसले से निकला है। फिर भी वह पूरी दुनिया के बारे में जानना चाहता है। तुम किन चीज़ों के बारे में जानना चाहते हो?


कवि फूलों, गीतों और विद्या की खेती क्यों करना चाहता है?


इस पंक्ति से बारिश के बारे में क्या पता चलता है?

नमूना → सूरज की माँ ने उसको बुला लिया।
  ऐसा लगता है कि आसमान में सूरज नज़र नहीं आ रहा होगा।

काका किसी को ज़ोर-ज़ोर से डाँट रहे हैं।


बताओ तुम ये काम कैसे करोगे? शिक्षक से भी सहायता लो।

तारों की चाल बदल देना


'बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।'- इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-

(क) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई।

(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।

(ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।

(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।


इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एकरूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में 'आकाश का साफ़ा' वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।


मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो-'सुनते हो'। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए-

कबूतर कौआ मैना
तोता चील हंस

बहुविकल्पी प्रश्न

पहाड़ को किन रूपों में दर्शाया गया है?


बहुविकल्पी प्रश्न

भेड़ों के झुंड-सा अंधकार कहाँ बैठा है?


कौन किस रूप में बैठा है?


दूर फैला अंधकार कैसा दिख रहा है?


बहुविकल्पी प्रश्न

क्या जल मछली से प्रेम करता है?


बार-बार बोलो और नीचे दिए गए शब्द से वाक्य बनाओ।

दाना - धान

कवि क्यों कह रहा है कि

'आज सभ्यता वहशी बन,

पेड़ों को काट रही है?'

इस पर अपने विचार लिखो।


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×