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a और b त्रिज्याओं वाले दो आवेशित चालक गोले एक तार द्वारा एक-दूसरे से जोड़े गए हैं। दोनों गोलों के पृष्ठों पर विद्युत-क्षेत्रों में क्या अनुपात है? - Physics (भौतिक विज्ञान)

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प्रश्न

a और b त्रिज्याओं वाले दो आवेशित चालक गोले एक तार द्वारा एक-दूसरे से जोड़े गए हैं। दोनों गोलों के पृष्ठों पर विद्युत-क्षेत्रों में क्या अनुपात है? प्राप्त परिणाम को, यह समझाने में प्रयुक्त कीजिए कि किसी एक चालक के तीक्ष्ण और नुकीले सिरों पर आवेश घनत्व, चपटे भागों की अपेक्षा अधिक क्यों होता है?

संख्यात्मक

उत्तर

माना इन गोलों पर आवेश क्रमश: q1 तथा q2 है।

∵ दोनों गोले चालक तार द्वारा जुड़े हैं; अतः दोनों के पृष्ठीय विभव बराबर होंगे।

अतः 14πε0q1a=14πε0q2b

q1a=q2bq1q2=ab   ...(1)

अतः गोलों के पृष्ठों पर विद्युत क्षेत्र क्रमशः निम्नलिखित हैं:

E1=14πε0q1a2 तथा  E2=14πε0q2b2

E1E2=q1q2×b2a2=ab×b2a2

E1E2=ba

सिद्ध करना कि आवेश घनत्व1वक्रता-त्रिज्या

माना किसी आवेशित चालक के दो अलग-अलग भागों की वक्रता-त्रिज्याएँ a तथा b हैं। माना चालक का प्रथम भाग दूसरे की तुलना में अधिक नुकीला है तब a < b होगा।

यदि इन भागों पर q1 व q2 आवेश संचित हैं तो

q1q2=ab

इन भागों पर पृष्ठीय आवेश घनत्व क्रमशः σ1=q14πa2 तथा σ2=q24πb2 होंगे।

σ1σ2=q1q2×b2a2=ab×b2a2

σ1σ2=ba   या    σ1वक्रता-त्रिज्या

∵ a < b    ∴ σ1>σ2

अर्थात क्रम वक्रता-त्रिज्या वाले भाग (नुकीले भाग) का पृष्ठीय घनत्व अधिक वक्रता-त्रिज्या वाले भाग की तुलना में अधिक होगा।

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आवेशों के निकाय के कारण विभव
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 2: स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता - अभ्यास [पृष्ठ ८८]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Physics [Hindi] Class 12
पाठ 2 स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता
अभ्यास | Q 2.20 | पृष्ठ ८८
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