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प्रश्न
निम्नलिखित विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:
मेरा प्रिय त्योहार
उत्तर
मेरा प्रिय त्योहार
भारत त्योहारों की नगरी है। भारत में विविध धर्म के, विविध पक्ष के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। सभी के अलग-अलग त्योहार हैं। होली, दिवाली, रक्षाबंधन हिंदूओं के महापर्व माने जाते हैं। सभी त्योहारों का अलग-अलग महत्व है। भारत एक पावन नगरी है जहाँ हर धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं और त्योहार मनाते हैं। वैसे तो भारत में हर त्योहार मनोरंजन तथा नैतिक शिक्षा प्राप्त करने वाले होते हैं। परंतु इन सभी में से मुझे दिवाली यह त्योहार बहुत प्रिय है।
दिवाली का त्योहार कई दिनों के उत्सवों का एक सामूहिक नाम है। जिसकी शुरूआत धनतेरस से हो जाती है। इस दिन गहने, कीमती वस्तुएँ खरीदने की परंपरा है। इसका अगला दिन नरक चतुर्दशी का होता है, इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं, इस दिन दीपक जलाने की परंपरा होती है।
कार्तिक अमावस्या का दिन दिवाली उत्सव का मुख्य दिन होता है। इस रात्रि को शुभ मुहूर्त में पूजन के साथ माँ लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है। दीये जलाये जाते हैं तथा मिठाइयाँ खाई जाती हैं। अगला दिन गोवर्धन पूजा का होता है, इस अवसर पर गायों का पूजन किया जाता है। इस पर्व का आखिरी दिन भाई-बहन का त्योहार भाईदूज होता है। दिवाली मनाने की मूल कथा का संबंध भगवान श्रीराम से जुड़ा है। श्रीराम जी जब राक्षस रावण का वध करके अयोध्या आये, तो उनका स्वागत उत्सव की तरह दीपक जलाकर किया गया।
दिवाली में घर, दफ्तर, दुकान आदि की साफ-सफाई, रंग-रोगन व सजावट होती हैं। रोशनी का त्योहार दिवाली जन-जन के दिलों को उल्लास से भर देता है। सभी लोग नई व रंग-बिरंगी वेशभूषा में नजर आते हैं। रंगोलियों से आँगन सजे होते हैं। दूर-दूर के रिश्तेदार एक-दूसरे को मिलने घर आते हैं। एक-दूसरे को तोहफे और मिठाइयाँ दी जाती हैं। फुलझड़ी, पटाखे फोड़े जाते हैं। घर-घर से मिठाइयों और पकवानों की सुगंध आती हैं।
दिवाली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। ये प्रकाशोत्सव लोगों के जीवन में आये अंधकार को मिटाकर उसे प्रकाशित कर देता है। अज्ञान रूपी अंधकार मिटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश जीवन में आता है। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेद भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते हैं। इसी कारण दिवाली मेरा प्रिय त्योहार है।
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