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पाठों में आए सभी प्रकार के अव्ययों को ढूँढ़कर उनसे प्रत्येक प्रकार के दस-दस वाक्य लिखिए।
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर ही गई सुचनाओ के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राघवेंद्र पत्नी-बच्चों सहित अपने पैतृक कस्बे में आया हुआ है। नौकरी से छुट्टियाँ न मिल पाने की मजबूरी के चलते वह चाहकर भी हफ्ता-दस दिन से ज्यादा यहाँ नहीं रुक पाता है लेकिन उसकी इच्छा रहती है कि अम्मा-बाबू जी पूरे साल नहीं तो साल में दो-तीन महीने तो उसके साथ मुंबई में जरूर रहें। बच्चों को संयुक्त परिवार मिले, दादा-दादी का भरपूर प्यार मिले। अनिता, उसकी पत्नी भी यही चाहती है। यही सोचकर उन्होंने पाँच कमरों का फ्लैट खरीदा है पर न जाने क्यों अम्मा-बाबू जी वहाँ बहुत कम जाते हैं। साल भर में एकाध बार, वह भी चंद दिनों के लिए। "बाबू जी, आप और अम्मा चार-छह दिनों के लिए नहीं, चार-छह महीनों के लिए आया कीजिए। इतनी जल्दी लौट जाते हैं तो मन कचोटने-सा लगता है।" |
- उत्तर लिखिए:
- राघवेंद्र की चाहत - [1]
- _________
- _________
- राघवेंद्र की मजबूरी - [1]
- __________
- __________
- राघवेंद्र की चाहत - [1]
- निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में से विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए: [1]
- अनिच्छा ×
- बेचना ×
- निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानिए: [1]
- पति - ______
- दादी - ______
- निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में से विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए: [1]
- 'संयुक्त परिवार' इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। [2]
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजए:
लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल। लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल।। कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढे बन माहिं। ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं।। जिन ढूँढ़ा तिन पाइवाँ, गहिंर पानी पैठ। जो बौरा डूबन डरा रहा किनारे वैठ।। जो तोको काँटा बुबै, ताहि बोउ तू फूल। तोहि फूल को फूल है, बाको है तिरसूल।। |
- उचित जोड़ियाँ मिलाइए: [2]
'अ' उत्तर 'आ' कस्तूरी ______ परमात्मा काँटा ______ फूल लाल ______ मृग बौरा ______ पानी किनारा - पद्यांश के अंतिम दोहे का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। [2]
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‘सादा जीवन, उच्च विचार’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
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निम्नलिखित पठित गदयांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
'एक बार एक बहुरूपिये ने साधु का रूप बनाया - सिर पर जटाएँ, नंगे शरीर पर भस्म, माथे पर त्रिपुंड, कमर में लँगोटी। उसके रूप में कहीं कोई कसर नहीं थी और यह संसारत्यागी साधु ही लगता था। उसने नगर से बाहर बड़े-से पेड़ के नीचे अपनी झोंपड़ी तैयार की, बगीचा लगाया और बैठकर तपस्या करने लगा। थीरे-धीरे सारे नगर में यह/समाचार फैलने लगा कि बाहर एक बहुत पहुँचे हुए महात्मा ने आकर डेरा लगाया है। लोग उसके दर्शनों को आने लगे और धीरे-धीरे चारों तरफ साधु का यश फैल गया। सारें दिन उसके यहाँ भीड़ लगी रहती थी। लोग कहते थे कि महात्मा जी के उपदेशों में जादू है और उनके आशीर्वाद से संसार के बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। अपनी इस कीर्ति से साधु को कभी-कभी बड़ा आश्चर्य होता और मन-ही-मन वह अपनी सफलता पर मुसकराया करता। |
उत्तर लिखिए:
(1) बहुरूपिये का साधु रूप ऐसा था: (2)
- माथे पर ______
- सिर पर ______
- नंगे शरीर पर ______
- कमर में ______
(2) (i) निम्नलिखित शब्दों के विलोमार्थक शब्द गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए: (1)
- महल × ______
- असफलता × ______
(ii) निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए: (1)
- डेरा - ______
- लँगोटी - ______
(3) 'हमें अपने व्यवसाय के प्रति ईमानदार होना चाहिए' 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित पदयांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
धूरि भरे अति सोहत स्याम जू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी। सोहत है चँँदवा सिर मोर को, तैसिय सुंदर पाग कसी है। |
(1) आकृति में लिखिए: (1)
(i)
(ii) कृष्ण ने पहने हैं - (1)
- पग में - ______
- सुंदर कसी हुई - ______
(2) पद्यांश की प्रथम दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
मैंने देखा, हरसिंगार नये पत्तों और टहनियों से लद गया है। जोड़े में खंखड़-सा हो जाता है और कभी-कभी डर लगता है कि यह सूख तो नहीं रहा है, लेकिन वसंत आते ही इसके भीतर सोई ऊर्जा जागने लगती है, प्राणरस छलकने लगता है और क्रमश: नई टहनियों तथा नये पत्तों के सौंदर्य से लद जाता है। मैं उसे देख रहा हूँ और लगता है, अब इसमें फूल आया, तब इसमें फूल आया। हाँ, यह हरसिंगार बहुत मस्त है। आषाढ़ में हलकी-हलकी हँसी उसमें फूटने लगती है, फिर शरद में तो कहना ही क्या! तारों भरा आसमान बन जाता है। रात भर जगमग-जंगमंग करता रहता है और सुबह को अनंत फूलों के रूपमें धरती पर बिछ जाता है। रात भर उसकी महक घर में टहलती रहती है। |
(1) कृति पूर्ण कौजिए: (2)
हरसिंगार में होने वाले बदलाव
- वसंत ऋतु में ______
- वर्षा ऋतु में ______
(2) (i) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए: (1)
ऊर्जा जागने लगती है।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)
- पुरानी × ______
- दिन × ______
(3) “प्रकृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
यहाँ हर शख्स हर पल हादिसा होने से डरता है, 'खिलौना है जो मिट्टी का, फना होने से डरता है। मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम-सा बच्चा, बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है। न बस में जिंदगी इसके, न काबू मौत पर इसका, 'मगर इन्सान फिर भी कब खुदा होने से डरता है। अजब ये जिंदगी की कैद है, दुनिया का हर इन्साँ, रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है। |
(1) संजाल पूर्ण कीजिए : (2)
(2) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
“यार सुरेश ?” अशोक ने अपने पारिवारिक मित्र से बड़े अचरज से पूछा, मैं हमेशा देखता हूँ, तुम अपनी सौतेली माँ की दिन-रात सेवा करते रहते हो, लेकिन वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला ही कहती है। बड़ी अजीब बात है, हमारे तो बस का काम नहीं है इतना सुनना, तुम कैसे कर लेते हो इतना सब्र ?” "करना पड़ता है भाई।” सुरेश ने फीकी मुस्कान से कहा, “इन्वेस्टमेंट सेंटर चलाता हूँ न, बाहर पैसे का इन्वेस्टमेंट करवाता हूँ और घर में संस्कारों का इन्वेस्टमेन्ट कर रहा हूँ।“संस्कारों का इन्वेस्टमेंट, वह कैसे ?” “बचपन में मैंने परिजनों को बुजुर्गों की सेवा करते देखा । इसी भाव का इन्वेस्टमेन्ट अब अपने बच्चों में कर रहा हूँ।” |
(1) उत्तर लिखिए: (2)
(क) सौंतैली माँ का सुरेश के साथ व्यवहार ______।
(ख) सुरेश का सौतेली माँ के प्रति व्यवहार” ______।
(2) परिच्छेद से ढूँढ़कर लिखिए: (2)
(ग) दो प्रत्यय युक्त शब्द ______।
(घ) दो विदेशी शब्द ______।
(3) 'बड़े-बुजुर्ग ही बच्चों के आदर्श' पर अपने विचार लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
बहुरूपियों के बारे में हम सब जानते हैं। इन लोगों का पेशा अब समाप्त होता जा रहा है। किसी समय रईसों और अमीरों का मनोरंजन करने वाले बहुरूपिये प्राय: हर नगर में पाए जाते थे। ये कभी धोबी का रूप लेकर आते थे, कभी डाकिए का। हू-बू-हू उसी तरह का व्यवहार करके ये प्राय: लोगों को भ्रम में डाल देते थे। इनकी इसी सफलता से धोखा खा जाने वाला रईस इन्हें इनाम देता था। उसी तरह के बहुरूपिये का एक रूप मैंने राजस्थानी लोककथाओं में सुना था और मुझे वह अभी भी अच्छी तरह याद है। |
(1) एक अथवा दो शब्दों में उत्तर लिखिए:
(क) बहुरूपिये प्राय: यहाँ पाए जाते थे - ______
(ख) बहुरूपिये इनका मनोरंजन करते थे - ______
(ग) बहुरूपिये इनका रूप लेते थे - ______
(घ) ये लोगों को प्राय: भ्रम में डालते थे - ______
(2) (च) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए:
- गरीब
- बुरी
(छ) निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन करके लिखिए:
- बहुरूपिया
- लोककथाएँ
(3) “व्यक्तित्व विकास में कला का महत्व" अपने विचार लिखिए।
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
सबका समान रवि है, शशि है, |
(1) संजाल आकृति पूर्ण कीजिए: (2)
(2) पद्यांश से समानार्थी शब्द दूँढ़कर लिखिए: (1)
- स्वतंत्र = ______
- संसार = ______
(3) 'समाज उन्नति में समानता का महत्व' अपने विचार लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
मंत्री: | महाराज, लोगों की पहली शिकायत यही है कि पानी अब निर्मल नहीं रहा है। यह नदियों और गहवरों में बहते समय गंदगी और बीमारियाँ अपने साथ बहाकर सब जगह पहुँचा देता है। |
पानी: | महाराज, ये लोग पहले की तरह पानी की रखवाली नहीं करते हैं। पशुओं को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं। पशु अपनी गंदगी तालाब में छोड़ जाते हैं। गाँव की दूसरी गंदगी भी तालाब में फेंक दी जाती हैं। नदियों में कारखानों की गंदगी व शहर के गंदे नाले का पानी छोड़ा जाता है। महाराज, मैं अपने आप गंदा नहीं होता। मुझसे शिकायत करने वाले ही गंदा और दूषित करते हैं। |
(1) आकृति पूर्ण कीजिए- (2)
(2) (i) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए: (1)
पशुओं को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए। (1)
- महारानी - ______
- साफ - ______
(3) जल प्रदूषण कम करने के उपाय 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
सुरभित, सुंदर, सुखद सुमन तुझपर खिलते हैं, जो आवश्यक होते हमें, मिलते सभी पदार्थ हैं। |
(1) संजाल पूर्ण कीजिए: (2)
(2) अन्तिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
अमृता प्रीतम - आप औरत को औरत के तौर पर महत्त्व नहीं देते ? केवल माँ के तौर पर महत्त्व देते हैं ?
शोभा सिंह - मैं रचनात्मक शक्ति के सम्बन्ध में कह रहा हूँ।
जैसे अमृता का महत्त्व उसके लेखिका होने के कारण है, शोभा सिंह का चित्रकार होने के कारण, उसी तरह औरत का महत्त्व उसके माँ होने के कारण है। उसकी रचनात्मक शक्ति उसके माँ होने में है। अपने अस्तित्व की धरती में वह एक बीज को धारण करने के लिए माँ-बाप, बहन- भाई, घर-सहेलियाँ, सब कुछ छोड़कर वह एक नई और ऊपरी धरती पर चली जाती है। यह कितनी बड़ी साधना है यह उसकी कला है, उसकी दैवी शक्ति उसका ज्ञान इसी जगह वह ' जीनियस ' है। |
(1) कृति पूर्ण कीजिए - (2)
(2) (i) लिंग परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए : (1)
केवल माँ के तौर पर महत्त्व देते हैं।
(ii) निम्तलिखित शब्दों के लिए गद्यांश यें आए समानार्थी शब्द ढूँढ़कर लिखिए। (1)
- नारी - ______
- बल - ______
(3) स्त्री होने का महत्त्व 20 से 30 शब्दों में समझाइए। (2)
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
यहाँ हर शख्स हर पल हादिसा होने से डरता है, खिलौना है जो मिट्टी का, फना होने से डरता है। मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा बड़ों को देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है। न बस में जिंदगी इसके, न काबू मौत पर इसका, मगर इन्सान फिर भी कब खुदा होने से डरता है। अजब ये जिंदगी की कैद है, दुनिया का हर इन्सान, रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है। |
(1) कृति पूर्ण कीजिए - (2)
जीवन की विशेषताएँ |
1. ______ |
2. ______ |
3. ______ |
4. ______ |
(2) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
एक दिन साधु ने देखा कि घोड़ों-ऊँटों और बैलगाड़ियों का झुंड उसकी कुटी की तरफ चलता आ रहा है। मन में संदेह हुआ कि लोगों को उसकी असलियत का पता तो नहीं चल गया और ये सरकार के आदमी उसे पकड़ने चले आ रहे हैं। वह अभी यही सब सोच ही रहा था कि देखा, उस झुंड के आगे-आगे वही सेठ है। सेठ पास आया। उसने साधु को प्रणाम किया। गाड़ियों, घोड़ों, ऊँटों से, सोने-चाँदी के गहनों, मुहरों और जवाहरातों से भरे कलसे उतारे गए। देखते-देखते कुटी के सामने ढेर लग गया। सेठ ने साधु के चरण पकड़कर कहा- “महाराज, आपके उपदेशों से मुझे सच्चा ज्ञान प्राप्त हो गया है और इस संसार से मन फिर गया है। झूठ-कपट से मैंने जो धन कमाया है, वह सब मैं आपके चरणों में रख रहा हूँ। |
(1) संजाल पूर्ण कीजिए- (2)
(2) (i) गद्यांश में प्रयुक्त शब्द युग्म की जोड़ी लिखिए। (1)
(ii) गद्यांश में प्रस्तुत विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए: (1)
______ × ______
(3) साधु-सन्तों के स्वभाव के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
'चिड़ियाँ चहचहा उठीं। फिर समूह में फुर्र से उड़ी और आकाश में पंखों व स्वरों की एक लय बन गई, फिर वे लौट आईं। हाँ उनके आश्रय की तरह यह हरसिंगार का पेड़ कितना खुश हो रहा है। जैसे कह रहा हो, “आओ चिड़ियो, मेरी डाल-डाल पर फुदको और गाओ। आओ चिड़ियो अपने मीठे-मीठे स्वरों से मुझे नहलाओ।" मैंने देखा, हरसिंगार नये पत्तों और टहनियों से लद गया हैं। |
(1) कृति पूर्ण कीजिए- (2)
(i)
(2) (i) प्रत्यय लगाकार वाक्य फिर से लिखिए: (1)
पेड़ कितना खुश हो रहा है।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)
- अप्रसन्न - ______
- कड़वे - ______
(3) चिड़ियों की चहचहाट पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है, |
(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइये- (2)
अ | आ |
नीलांबर | प्रेम प्रवाह |
सूर्य-चन्द्र | सुंदर |
नदियाँ | रत्नाकर |
निर्मल | अमृत |
(2) पहली दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
सेस, गनेस, महेस, दिनेस, सुरेसहु, जाहिं निरतर गावैं। जाहिं अनादि, अनंत, अखंड, अछेद, अभेद, सुबेद बतावैं।। नारद से सुक व्यास रटें, पचिहारे तऊ मुनि पार न पावैं।। ताहिं अहीर की छोहरियाँ, छछ्ठिया भरि छाछ पै नाच नचावैं।। |
(1) कृति पूर्ण कीजिए- (2)
(2) अंतिम दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गयी सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
आदमी: | महाराज की जय हो, महाराज आज-कल हवा में खुशबू नहीं होती। यह हर समय हमारे यहॉं बदबू फैलाती है। इसकी बदबू के कारण रहना मुश्किल हो गया है। |
हवा: | महाराज, यह आरोप झूठा है। बदबू के कारण तो मेरा जीना कठिन हो गया है। अपने-आपमें मेरे पास न तो खुशबू है न बदबू। पहले ऐसा नहीं होता था। आज-कल ये लोग मरे हुए पशु-पक्षियों को यहॉं-वहॉं डाल देते हैं। उनके कारण मैं बदबूवाली हो जाती हूँ। इनके कारखानों से निकली गंदगी और गैसें मुझमें घुल जाती हैं और यह बदबू दूर तक फैलती रहती है। मुझे याद है कि एक बार भोपाल के एक कारखाने से निकली जहरीली गैस मुझपर सवार होकर दूर-दूर तक फैल गई थी और कितने ही लोग रात में सोए हुए ही मौत के मुॅंह में चले गए थे। इन लोगों से कहिए कि ये गंदगी के ढेर न लगाऍं, सफाई रखें। कचरे से कंपोस्ट खाद बनाएँ। |
(1) कारण लिखिए: [2]
हवा बदबूवाली होती है -
- ______
- ______
(2) (i) उपर्युक्त गद्यांश से अँग्रेजी शब्द दूँढ़कर लिखिए: [1]
- ______
- ______
(ii) गद्यांश से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए: [1]
- ______ × ______
(3) 'बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। [2]
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