Advertisements
Advertisements
Question
'आधे-आधे गाने' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
Solution
'आधे-आधे गाने' के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि मनुष्य जब तक अपने मन में व्याप्त खीझ तथा ऊब को बाहर निकाल नहीं करता, तब तक उसका गान अधूरा ही रहेगा। मन जब उल्लास तथा आनंद को महसूस करेगा तभी वह पूरा गाना गा सकता है। यह इस बात की ओर संकेत करता है कि मन के अंदर खीझ तथा ऊबाउपन नहीं होगा, तो वह सृजन करने में सक्षम होगा। इस तरह ही उसका कल्याण संभव है।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
'पत्थर' और 'चट्टान' शब्द किसके प्रतीक हैं?
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को
हम इसको क्या कर डालें इस अपने मन की खीज को?
गोड़ो गोड़ो गोड़ो
कविता का आरंभ 'तोड़ो तोड़ो तोड़ो' से हुआ है और अंत 'गोड़ो गोड़ो गोड़ो' से। विचार कीजिए कि कवि ने ऐसा क्यों किया?
ये झूठे बंधन टूटें
तो धरती को हम जानें
यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय हैं?
मिट्टी और बीज से संबंधित और भी कविताएँ हैं, जैसे सुमित्रानंदन पंत की 'बीज'। अन्य कवियों की ऐसी कविताओं का संकलन कीजिए और भित्ति पत्रिका में उनका उपयोग कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता नवसृजन की प्रेरणा है। कथन के आलोक में अपने विचार प्रकट कीजिए।
निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -
ये पत्थर ये चट्टानें तोड़ो तोड़ो तोड़ो |