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Question
आशय स्पष्ट कीजिए -
मुंशी जी ने चने के दानों की ओर इस दिलचस्पी से दृष्टिपात किया, जैसे उनसे बातचीत करनेवाले हो।
Solution
कटोरे में दाल पीने के बाद कुछ चने के दाने बच गए थे। मुंशी को भरपेट खाना नहीं मिला था। अतः कटोरे में बचे चने के दानों को वह ललचाई निगाहों से देख रहे थे। अतः जिस तरह से वह चने के दानों को देख रहे थे ऐसा प्रतीत होता था मानो कुछ कहना चाह रहे हों।
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