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Question
अभिकथन - अर्रेनिअस समीकरण से सामान्य तथा जटिल अणुओं के लिए निर्धारित वेग स्थिरांक लगभग परिशुद्ध होते हैं।
तर्क - संघट्ट के समय अभिक्रियक अणुओं का कोई भी अभिविन्यास होने पर भी रासायनिक परिवर्तन हो जाता है।
Options
अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं और तर्क अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है।
अभिकथन और तर्क दोनों सही कथन हैं परन्तु तर्क अभिकथन का स्पष्टीकरण नहीं है।
अभिकथन सही है परन्तु तर्क गलत कथन है।
अभिकथन और तर्क दोनों ही गलत कथन हैं।
अभिकथन गलत है परन्तु तर्क सही कथन है।
Solution
अभिकथन सही है परन्तु तर्क गलत कथन है।
स्पष्टीकरण -
अर्रेनिअस समीकरण से दर स्थिर निर्धारित की जाती है, सरल और जटिल अणुओं के लिए काफी सटीक होती है क्योंकि केवल वे अणु जो टकराव के दौरान उचित अभिविन्यास रखते हैं और पर्याप्त गतिज रासायनिक परिवर्तन का नेतृत्व करते हैं। उचित अभिविन्यास एक रासायनिक परिवर्तन का कारण बनता है क्योंकि यह अणुओं के बीच पुराने बंध को तोड़ने और नए लोगों के बंधऩ की सुविधा देता है।
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निम्नलिखित अभिक्रिया के वेग व्यंजकों से इनकी अभिक्रिया कोटि तथा वेग स्थिरांकों की इकाइयाँ ज्ञात कीजिए।
\[\ce{3NO_{(g)} -> N2O_{(g)}}\] वेग = k [NO]2
निम्नलिखित अभिक्रिया के वेग व्यंजकों से इनकी अभिक्रिया कोटि तथा वेग स्थिरांकों की इकाइयाँ ज्ञात कीजिए।
\[\ce{CH3CHO_{(g)} -> CH4_{(g)} + CO_{(g)}}\] वेग = k [CH3CHO]3/2
रासायनिक अभिक्रिया के वेग पर प्रभाव डालने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
नीचे दी गई अभिक्रिया की अभिक्रिया दर के लिए निम्नलिखित व्यंजकों में से कौन-सा सही है?
\[\ce{5Br^- (aq) + BrO3^- (aq) + 6H^+ (aq) -> 3Br2 (aq) + 3H2O(l)}\]
वेग नियम संतुलित रासायनिक समीकरण द्वारा निर्धारित नहीं किया जा सकता यदि ______।
- व्युत्क्रम अभिक्रिया सम्मिलित होती है।
- यह एक प्राथमिक अभिक्रिया हो।
- यह प्राथमिक अभिक्रियाओं की एक शृंखला है।
- कोई भी अभिक्रियक आधिक्य में हो।
एक जटिल अभिक्रिया के लिए ______।
- समग्र अभिक्रिया की कोटि सबसे धीमे पद् की आण्विकता के समान होती है।
- समग्र अभिक्रिया की कोटि सबसे धीमे पद् की आण्विकता से कम होती है।
- समग्र अभिक्रिया की कोटि सबसे धीमे पद् की आण्विकता से अधिक होती है।
- सबसे धीमे पद की आण्विकता कभी भी शून्य अथवा अपूर्णांक नहीं होती।
एक सक्रियत संकुल के विघटन के दौरान ______।
- ऊर्जा हमेशा निष्काषित होती है।
- ऊर्जा हमेशा अवशोषित होती है।
- ऊर्जा परिवर्तित नहीं होती।
- अभिक्रियक बन सकते हैं।
किसी अभिक्रियक के लिए एक अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है। अभिक्रिया का वेग कैसे प्रभावित होगा, यदि अभिक्रियक की सांद्रता आधी कर दी जाए?
एक अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति द्वितीय कोटि की है। B की सांद्रता तीन गुनी करने से वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?