English

बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं? - Hindi Course - A

Advertisements
Advertisements

Question

बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?

Short Answer

Solution

लेखक का मानना है कि बिना विचार, घटना और पात्रों के कहानी नहीं लिखी जा सकती। मैं इन विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ। यह विचार आधुनिक कहानी की ओर संकेत करता है, जहाँ आंतरिक भावनाएँ, अनुभूतियाँ, और प्रतीकात्मकता मुख्य भूमिका निभाते हैं। ऐसी कहानियाँ पाठक को विचार और कल्पना के नए आयामों में ले जाती हैं। वास्तव में, कहानी किसी विशेष घटना का ही वर्णन होती है। इसमें यह शामिल होता है कि घटना क्यों घटी, कब घटी, इसके क्या परिणाम रहे और इससे कौन-कौन प्रभावित हुए। इन सबका विवरण ही कहानी को पूरा बनाता है। इसलिए, किसी भी कहानी के लिए विचार, घटना और पात्रों का होना अत्यंत आवश्यक है।

shaalaa.com
लखनवी अंदाज़
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़ - प्रश्न-अभ्यास [Page 80]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Kshitij Part 2 Class 10
Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़
प्रश्न-अभ्यास | Q 3 | Page 80

RELATED QUESTIONS

लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?


किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?


खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।


‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक यशपाल ने यात्रा करने के लिए सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा?


लेखक के डिब्बे में आने पर नवाब ने कैसा व्यवहार किया?


नवाब साहब ने खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिसे देखकर लेखक ललचाया पर उसने खीरे खाने का प्रस्ताव अस्वीकृत क्यों कर दिया?


बिना खीरा खाए नवाब साहब को डकार लेते देखकर लेकर क्या सोचने पर विवश हो गया?


सेकंड क्लास के डिब्बे की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण लेखक और नवाब साहब दोनों ने उसे यात्रा के लिए चुना।


लेखक ने ऐसा क्या देखा कि उसके ज्ञान चक्षु खुल गए?


लखनवी अंदाज़’ पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।


नवाब साहब की सनक नकारात्मक थी, किंतु हर सनक नकारात्मक नहीं होती। सोदाहरण सिद्ध कीजिए कि किस सनक को सकारात्मक कहा जा सकता है?


नवाब साहब ने खीरा न खाने का जो कारण बताया, क्या वह सही था? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर कारण सहित लिखिए।


लेखक को देखकर नवाब साहब असहज क्यों हो गए? ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर लिखिए।


'नवाब साहब ने खीरे बाहर फेंक दिए' - आपकी दृष्टि में उनका यह व्यवहार कहाँ तक उचित है?


नवाब साहब ने खीरे का आनंद किस प्रकार उठाया?


नवाब साहब द्वारा बार-बार खीरा खाने का आग्रह किया जा रहा था, इसे लेखक ने कैसे टाला?


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×