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Maharashtra State BoardSSC (English Medium) 7th Standard

किसी प्राचीन कवि की जानकारी प्राप्त करो: परिचय, लेखन की भाषा, मुख्य ग्रंथ, विधाएँ - Marathi (Second Language) [मराठी (द्वितीय भाषा)]

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Question

Very Long Answer

Solution

परिचय:

संत कबीरदास भारतीय भक्ति आंदोलन के प्रमुख कवि और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 15वीं शताब्दी में वाराणसी (काशी) में हुआ था। उनके जन्म को लेकर विभिन्न मत हैं, लेकिन कहा जाता है कि वे एक जुलाहा परिवार में पले-बढ़े। कबीरदास निर्गुण भक्ति धारा के प्रवर्तक थे और उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंड, और धार्मिक आडंबरों का खुलकर विरोध किया। उनका उद्देश्य मानवता की सेवा और ईश्वर की भक्ति को सरल एवं सहज बनाना था।

लेखन की भाषा:

कबीरदास जी की भाषा सधुक्कड़ी, अवधी, ब्रज और खड़ी बोली का मिश्रण थी। वे आम जनता के कवि थे, इसलिए उनकी रचनाएँ सरल, सुबोध और प्रभावशाली थीं। उन्होंने संस्कृत या विद्वानों की भाषा के बजाय लोकभाषा में अपने विचार प्रस्तुत किए, जिससे उनके दोहे और पद आम जनमानस में लोकप्रिय हो गए।

मुख्य ग्रंथ:

कबीरदास जी की रचनाएँ "बीजक" नामक ग्रंथ में संकलित हैं। इसमें तीन मुख्य भाग हैं:

  • साखी: दोहे के रूप में छोटी-छोटी सीख।
  • रमैनी: छंदबद्ध शिक्षाप्रद रचनाएँ।
  • शब्द: भक्ति और ज्ञान से संबंधित पद।

इनके दोहे आज भी समाज को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

विधाएँ:

कबीरदास जी ने अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए मुख्यतः तीन विधाओं का प्रयोग किया:

  • साखी: यह दोहा शैली में होती है, जिसमें जीवन के गूढ़ सत्य छिपे होते हैं।
  • पद: इनके पदों में भक्ति, ज्ञान और साधना का संदेश मिलता है।
  • रमैनी: इसमें वे छंदों का उपयोग करके अपने उपदेशों को प्रभावशाली बनाते थे।

संत कबीरदास जी अपने दोहों और भक्ति साहित्य के कारण आज भी प्रासंगिक हैं। वे एक ऐसे कवि थे, जिन्होंने धर्म और समाज की बुराइयों पर कठोर प्रहार किया और प्रेम, भक्ति और सच्चे ज्ञान का संदेश दिया। उनके दोहे आज भी जीवन की सच्चाइयों को दर्शाते हैं।

उदाहरण:
"बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।।"

अर्थ: केवल बड़ा या महान होने से कोई लाभ नहीं, यदि वह दूसरों के किसी काम न आए। जैसे खजूर का पेड़ ऊँचा होता है, पर उसकी छाया नहीं मिलती और उसके फल भी बहुत ऊँचाई पर होते हैं, जिन्हें पाना कठिन होता है।

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Chapter 1.1: पद - पाठ्य प्रश्न [Page 2]

APPEARS IN

Balbharati Integrated 7 Standard Part 4 [Hindi Medium] Maharashtra State Board
Chapter 1.1 पद
पाठ्य प्रश्न | Q २. | Page 2
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