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Question
कॉपर के लिए `E_((M^(2+)//M))^Θ` का मान धनात्मक (+0.34 V) है। इसके संभावित कारण क्या हैं?
(संकेत – इसके उच्च ΔaHΘ और ΔhydHΘ पर ध्यान दें।)
Solution
किसी धातु के लिए `E_((M^(2+)//M))^Θ` निम्नलिखित पदों में होने वाले एन्थैल्पी परिवर्तन के योग से सम्बद्ध होता है –
\[\ce{M_{(s)} + \Delta_{{a}}H -> M_{(g)}}\] (ΔaH = परमाण्विक एन्थैल्पी = धनात्मक)
\[\ce{M_{(g)} + \Delta_{{i}}H -> M^{2+}_{ (g)}}\] (ΔiH = आयनन एन्थैल्पी = धनात्मक)
\[\ce{M^{2+}_{ (g)} + \Delta_{hyd}H -> M^{2+}_{ (aq)}}\] (ΔhydH = जलयोजन एन्थैल्पी = ऋणात्मक)
कॉपर की परमाण्विक एन्थैल्पी, उच्च तथा जलयोजन एन्थैल्पी कम होती हैं। इसलिए `E_((Cu^(2+)//Cu))^Θ` को मान धनात्मक होता है। अत: Cu(s) के \[\ce{Cu^{2+}_{ (aq)}}\] में रूपांतरण की उच्च ऊर्जा इसकी जलयोजन एन्थैल्पी द्वारा संतुलित नहीं होती है।
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उदाहरण | चुंबकीय आघूर्ण (BM) |
K2[MnCl4] | 5.9 |