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'मेरी भूख को ये जानने का हक रे' इस पँक्ति से कवि का आशय क्या हो सकता है? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

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Question

जाने का हक

मेरे सपनों को ये जानने का हक रे। .....

क्यूँ सदियों से टूट रहे हैं, इन्हें सजने का नाम नहीं

मेरे हाथों को ये जानने का हक रे......

क्यूँ बरसों से खाली पड़े हैं, इन्हें आज़ भी काम नहीं

मेरे पैरों को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ गाँव-गाँव चलना पड़े है, क्यूँ बीएस का निशान नहीं

मेरी भूख को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ गोदामों में सड़ते हैं दाने, मुझे मुट्ठी- भर धान अन्य नहीं

मेरी बूढ़ी माँ को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ गोली नहीं सुई, दवाखाने, पट्टी-टाँके का सामान नहीं

मेरे बच्चों को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ रात-दिन करें मज़दूरी, क्यूँ शाला मेरे गाँव में नहीं

'मेरी भूख को ये जानने का हक रे' इस पँक्ति से कवि का आशय क्या हो सकता है?

Short Note

Solution

इन पँक्तियों से कवि का तात्पर्य है कि पीड़ित को अपने दुख का कारण जानने का अधिकार होना चाहिए। इस कारण गोदामों में अनाज सड़ रहा है और गरीब भूखे हैं।

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भारत का संविधान-एक जीता हुआ दस्तावेज़
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Chapter 9: समानता के लिए संघर्ष - अभ्यास [Page 108]

APPEARS IN

NCERT Social Science - Social and Political Life 2 [Hindi] Class 7
Chapter 9 समानता के लिए संघर्ष
अभ्यास | Q 8. | Page 108

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जाने का हक

मेरे सपनों को ये जानने का हक रे। .....

क्यूँ सदियों से टूट रहे हैं, इन्हें सजने का नाम नहीं

मेरे हाथों को ये जानने का हक रे......

क्यूँ बरसों से खाली पड़े हैं, इन्हें आज़ भी काम नहीं

मेरे पैरों को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ गाँव-गाँव चलना पड़े है, क्यूँ बीएस का निशान नहीं

मेरी भूख को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ गोदामों में सड़ते हैं दाने, मुझे मुट्ठी- भर धान अन्य नहीं

मेरी बूढ़ी माँ को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ गोली नहीं सुई, दवाखाने, पट्टी-टाँके का सामान नहीं

मेरे बच्चों को ये जानने का हक रे.......

क्यूँ रात-दिन करें मज़दूरी, क्यूँ शाला मेरे गाँव में नहीं

उपर्युक्त गीत में से आपको कौन-सी पँक्ति प्रिय लगी?


क्या आप अपनी भाषा में अपने क्षेत्र में प्रचलित कोई ऐसा गीत या कविता कक्षा में सुना सकते हैं, जिसमें मनुष्य की समता और गरिम का वर्णन मिलता हो?


समानता के लिए लोगों के संघर्ष में हमारे संविधान की क्या भूमिका हो सकती है? 


क्या आप एक छोटे समूह में समानता के लिए एक समाजिक विज्ञापन तैयार क्र सकते हो?


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