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Question
निःसहायो व्याध: किमयाचत?
One Word/Term Answer
Solution
प्राणभिक्षाम्।
shaalaa.com
कण्टकेनैव कण्टकम्
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चञ्चल: व्याघ्रं कुत्र दृष्टवान्?
बदरी-गुल्मानां पृष्ठे का निलीना आसीत्?
जलं पीत्वा व्याघ्रः किम् अवदत्?
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का | कं/कां | |
जनाः मयि स्नानं कुर्वन्ति। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति
कः/का | कं/कां | |
अहं त्वत्कृते धर्मम् आचरितवान् त्वया मिथ्या भणितम्। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का | कं/कां | |
यत्र कुत्रापि छेदनं कुर्वन्ति। | ______ | ______ |
रेखांकित पदमाधृत्य प्रश्ननिर्माण–
व्याघ्रः नद्याः जलेन व्याधस्य पिपासामशमयत्।
यथानिर्देशमुत्तरत–
अहं त्वत्कृते धर्मम् आचरितवान् – अत्र अहम् इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम्?
यथानिर्देशमुत्तरत–
सा सहसा चञ्चलमुपसृत्य कथयति – वाक्यात् एकम् अव्ययपदं चित्वा लिखत।
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-मातृ (प्रथमा) | माता | मातरौ | मातरः |
स्वसृ (प्रथमा) | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा - मातृ (तृतीया) | मात्रा | मातृभ्याम् | मातृभिः |
स्वसृ (तृतीया) | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-स्वसृ (सप्तमी) | स्वसरि | स्वस्रो: | स्वसृषु |
मातृ (सप्तमी) | ______ | ______ | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
द्रष्टुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
पातुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
खादितुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
कृत्वा | = | ______ | + | ______ |