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निम्नलिखित प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए - तंत्रिका तंतु की झिल्ली का ध्रुवीकरण - Biology (जीव विज्ञान)

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Question

निम्नलिखित प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए - 

तंत्रिका तंतु की झिल्ली का ध्रुवीकरण

Explain

Solution

  • तन्त्रिका तन्तु के ऐक्सोप्लाज्म में Na+ की संख्या बहुत कम, परन्तु ऊतक तरल में लगभग 12 गुना अधिक होती है। ऐक्सोप्लाज्म में K+ की संख्या ऊतक तरल की अपेक्षा लगभग 30-35 गुना अधिक होती है। विसरण अनुपात के अनुसार Na+ की ऊतक तरल से ऐक्सोप्लाज्म में और K+ के ऐक्सोप्लाज्म से ऊतक तरल में विसरित होने की प्रवृत्ति होती है। लेकिन तन्त्रिकाच्छद या न्यूरीलेमा Na+ के लिए कम और K+ के लिए अधिक पारगम्य होती है।
  • विश्राम अवस्था में ऐक्सोप्लाज्म में ऋणात्मक आयनों और ऊतक तरल में धनात्मक आयनों की अधिकता रहती है। तन्त्रिकाच्छद या न्यूरीलेमा की बाह्य सतह पर धनात्मक आयनों और भीतरी सतह पर ऋणात्मक आयनों का जमाव रहता है।
  • तन्त्रिकाच्छद की बाह्य सतह पर धनात्मक और भीतरी सतह पर 70 mV का ऋणात्मक आकेश रहता है। इस स्थिति में तन्त्रिकाच्छद या न्यूरीलेमा विद्युतावेशी या धुवण अवस्था में बनी रहती है।
  • तन्त्रिकाच्छद के इधर-उधर विद्युतावेशी अन्तर के कारण न्यूरीलेमा में बहुत-सी विभव ऊर्जा संचित रहती है। इसी ऊर्जा को विश्राम कला विभव कहते हैं। प्रेरणा संचरण में इसी ऊर्जा का उपयोग होता है।
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Chapter 18: तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय - अभ्यास [Page 237]

APPEARS IN

NCERT Biology [Hindi] Class 11
Chapter 18 तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय
अभ्यास | Q 3. (अ) | Page 237
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