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Question
प्रदत्तपदानां विग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत-
विग्र: | समस्तपदम् | नाम |
राम च लक्ष्मन् च | ______ | ______ |
Solution
विग्र: | समस्तपदम् | नाम |
राम च लक्ष्मन् च | रामल्क्षमणो | द्वंद्व |
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प्रदत्तपदानां विग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत-
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सप्तर्षिः | ______ | ______ |
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खगोत्तमः | ______ | ______ |
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त्रिलोके | ______ | ______ |
प्रदत्तपदानां विग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत-
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परोषम् उपकार: | ______ | ______ |
प्रदत्त-तालिकायां समस्तपदं विग्रहं वा लिखत-
क्रमः | समस्तपदम् | विग्रहः |
1. | निर्मलम् |
______ |
2. | ____________ | एकम् एकम् इति |
3. | ____________ | दोषाणाम् अभाव: |
4. | सव्यवधानम् | ____________ |
5. | निरर्थकम् | ____________ |
6. | ____________ | चिन्तायाः अभाव: |
7. | स्नेहेन सहितम् | ____________ |
8. | ____________ | समयम् अनतिक्रम्य |
9. | ____________ | गङ्गायाः समीपम् |
10. | सहर्षम् | ___________ |
समस्तपदम | विग्रहः | समासनाम |
हस्तस्थम् | हस्ते तिष्ठति इति | ______ |
समासानां तालिकापूर्ति कुरुत ।
समस्तपदम | विग्रहः | समासनाम |
प्रतिदिनम् | दिनेदिने | ______ |
समाससविग्रहमणां समासनामाभिः सह मेलनं करुत
समासविग्रहः | समासनाम | ||
(1) | विविधानि बीजानि | (अ) | नञ्-तत्पुरुषः। |
(2) | दिने दिने | (आ) | बहुब्रीहिः। |
(3) | लगुडं हस्ते यस्य सः | (इ) | कर्मधारयः। |
(4) | न इच्छा | (ई) | इतरेतर द्वन्द्व :। |
(5) | चिन्ताया मग्ना | (उ) | अव्ययीभाव:। |
(6) | कवयः च पण्डिताः च | (ऊ) | सप्तमी-तत्परुषः। |
समासविग्रहं कुरुत
अश्मखण्डः - ______
तालिकां पूरयत
सामासिकपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
पुस्तकपठनमग्नः | ______ | सप्तमी- तत्पुरुषः । |
तालिकां पूरयत
सामासिकपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
मदान्धः | मदेन अन्धः | ______ |
समासविग्रहवाक्यानां समासनामभिः मेलनं कुरुत ।
विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
चिन्तया आकुलः | पञ्चमी -तत्पुरुषः |
प्रजाहिते दक्षः | द्वितीया ततयरुषः |
चोरलुण्ठकेभ्यः भयम् | सप्तमी -तत्पुरुषः |
विदेशं गमनम् | तृतीया-तत्मुरुष |
समासानां तालिकापूर्ति कुरुत।
समस्तपदम | विग्रहः | समासनाम |
क्षुद्र्बुद्धिः | ______ | बहुव्रीहिः। |
समासानां तालिकापूर्ति कुरुत।
समस्तपदम् | विग्रह: | समासनाम |
मृगशृगालौ | ______ | इतरेतरद्वन्द्वः |
समासविग्रहाणां समासनामभिः सह मेलनं कुरुत।
समासविग्रहः | समासनाम |
किञ्चित् जानाति इति। | षष्ठी - तत्पुरुषः। |
जलस्य व्यवस्थापनम्। | कर्मधारयः। |
लगुडः हस्ते यस्य सः। | उपपद - तत्पुरुषः। |
कवयः च पण्डिताः च। | अव्ययीभावः। |
अहनि अहनि। | बहव्रीहिः। |
मानवता एव धर्मः। | इतरेतर-द्वन्द्वः। |
अधोलिखितवाक्यम् रेखाङ्कितपद समासं विग्रहं वा प्रदत्तविकल्पेभ्य: चित्वा लिखत।
किं वनराजपदाय सुपात्रं चीयते?
अधोलिखितवाक्यम् रेखाङ्कितपद समासं विग्रहं वा प्रदत्तविकल्पेभ्य: चित्वा लिखत।
दीन पुत्रे माता कृपया आर्द्रं हृदयं यस्या: सा भवेत्।
समासानां तालिकापूर्ति कुरुत।
समस्तपदम् | विग्रह: | समासनाम |
______ | जलं ददाति इति। | उपपद-तत्पुरुष:। |
समासानां तालिकापूर्ति कुरुत।
समस्तपदम् | विग्रह: | समासनाम |
पन्नगभूषण: | ______। | बहुव्रीहि:। |
समासविग्रहाणां समासनामभि: सह मेलनं कुरुत।
समासविग्रह: | समासनाम |
रामस्य अभिषेकः। | इतेतर् द्वन्द्व:। |
न शक्यम्। | कर्मधारयः। |
मृगः च शृगाल: च। | षष्ठी तत्पुरुष:। |
सद्गुणा: एव सत्ति:। | अव्ययीभाव:। |
महान् भागः यस्य स:। | नञ्-तत्पुरुष:। |
क्रमम् अनुसृत्य। | बहुव्रीहिः। |