Advertisements
Advertisements
Question
उन्नीसवीं शताब्दी में स्त्रियों के विषय में लेखन करने वाली लेखिकाओं में ______ का नाम अग्रणी है।
Options
ताराबाई शिंदे
पंडिता रमाबाई
मीरा कोसंबी
शर्मिला रेगे
Solution
उन्नीसवीं शताब्दी में स्त्रियों के विषय में लेखन करने वाली लेखिकाओं में ताराबाई शिंदे का नाम अग्रणी है।
स्पष्टीकरण:
- भारतीय इतिहास लेखन के क्षेत्र में प्रारंभ में मुख्यतः पुरुष अध्येता कार्यरत थे। परिणामस्वरूप भारतीय इतिहास में प्राप्त स्त्रियों का स्थान तथा उनके द्वारा किए गए कार्य अन्य बातों की तुलना में दुर्लक्षित रह गए। इतिहास में स्त्रियों ने जो अपना स्थान बनाया था; उसका नए सिरे से विचार होना आवश्यक था।
- उन्नीसवीं शताब्दी में स्त्रियों के विषय में लेखन करने वाली लेखिकाओं में ताराबाई शिंदे का नाम अग्रणी है। उन्होंने पुरुषप्रधान व्यवस्था और जातिव्यवस्था को विरोध दर्शाने वाला लेखन किया। १८८२ ई. में प्रकाशित उनकी ‘स्त्रीपुरुष तुलना’ पुस्तक को भारत का प्रथम स्त्रीवादी लेखन माना जाता है।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
संस्कृत ग्रंथ ‘हितोपदेश’ का जर्मन भाषा में ______ ने अनुवाद किया।
निम्न में से असत्य जोड़ी को पहचानकर लिखिए।
निम्न कथनों को कारणसहित स्पष्ट कीजिए।
प्रादेशिक इतिहास लेखन को प्रोत्साहन मिला।
मार्क्सवादी लेखन किसे कहते हैं?
इतिहास लेखन में इतिहासकार वि. का. राजवाडे के योगदान को स्पष्ट कीजिए।
निम्न सारिणी पूर्ण कीजिए।
जेम्स मिल | द हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया |
जेम्स ग्रांट डफ | _________________ |
__________ | द हिस्ट्री ऑफ इंडिया |
श्री. अ. डांगे | ________________ |
___________ | हू वेअर द शूद्राज |
निम्न संकल्पनाचित्र को पूर्ण कीजिए।
निम्न अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए।
प्राच्यवादी इतिहास लेखन
निम्न अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए।
राष्ट्रवादी इतिहास लेखन
निम्न अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए।
उपेक्षितों का इतिहास