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Academic Year: 2022-2023
Date & Time: 20th February 2023, 10:30 am
Duration: 3h
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सामान्य निर्देश:
निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं - खंड-'अ' और 'ब' कुल प्रश्न 13 हैं।
- खंड-'अ' पें 45 बुहविकल्पी/वस्तुपरक उपप्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें से केवल 40 उपप्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड-'ब' यें वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
सनातन काल से ही भारत में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग द्वारा शरीर, मन और मस्तिष्क को पुष्ठ किए जाने का उल्लेख मिलता है। इसलिए लोग नीरोग और दीर्घजीवी होते थे। भारतीय संस्कृति और दर्शन किसी देश या जाति के लिए नहीं, अपितु समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए है। अत: भारतीय संस्कृति को सच्चे अर्थ में मानवता की संस्कृति कहा जा सकता है। योग हमें वैज्ञानिकता के साथ समग्र जीवन-शैली के प्रति जागरूक करता है, जिससे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होता है। साथ ही, इससे न केवल शांतिप्रिय जीवन पद्धति को बढ़ावा मिलता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के साथ मानवतापूर्ण संबंध स्थापित करने का संदेश भी प्राप्त होता है। भारत ने योग को हमेशा से सीमा, संस्कृति और भाषा से ऊपर रखा है। इसे यदि सही तरीके से समझा जाए और नियमित अभ्यास किया जाए, तो कई समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। 'योग' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'युज्' शब्द से हुई है, जिसका तात्पर्य जोड़ना एवं एकीकरण करने से है। आध्यात्मिक स्तर पर जुड़ने का अर्थ है, आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन और व्यावहारिक स्तर पर योग को शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने तथा सामंजस्य बनाए रखने का एक साधन माना जाता है। कोरोना काल में न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर सभी ने योग की महत्ता को देखा और जाना कि योग तनाव घटाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह प्राचीन विद्या है और जीवन को नीरोगी रखने की एक दिव्य विद्या है। कोरोना काल में हम सभी ने अनुभव किया है कि योग हमें भयमुक्त, भाव में जीना सिखाता है। योग स्वस्थ और सुखी रहने के लिए अद्भुत प्रभावी विधि है, इसलिए घर-घर, हर घट, हर घाट पर योग होना चाहिए। योग सदाबहार है, रामबाण है, योग संजीवनी है। योग से तन स्वस्थ और मन विकार-मुक्त होता है । हम योग को एक टोल फ्री नम्बर की तरह उपयोग कर सकते हैं। जिस प्रकार टोल फ्री नम्बर को कोई भी, कहीं से, कभी भी डायल कर सकता है, उसी प्रकार योग भी है। जब तन-मन के लिए सच्चे मन से जागिए, तभी योग साकार हो जाता है। योग के माध्यम से हम जितने गहरे उतरेंगे, उतने शांत होंगे और पाएँगे कि अशांत करने वाले सारे तत्त्वों की धीरे-धीरे पहचान हो रही है और घने अंधेरे की जगह प्रकाश ले रहा है तथा जीवन निरंतर आनंदमय हो रहा है। समस्या शारीरिक हो या फिर पर्यावरण की, इनका समाधान है योग। आज बढ़ते प्रदूषण का समाधान केवल प्रकृतिमय जीवन पद्धति और सतत तथा सुरक्षित विकास में निहित है। यह संदेश योग के माध्यम से जीवन में आता है। अत: योग को आत्मसात कर हम स्वस्थ प्रकृतिमय जीवन जी सकते हैं। |
- भारतीय संस्कृति को मानवता की संस्कृति कहे जाने का क्या आधार है? [1]
- समस्त मानव जाति को आश्रय देने की भावना।
- संसार की सबसे प्राचीन संस्कृति होना।
- समस्त मानव जाति के प्रति कल्याण की भावना।
- समस्त मानव जाति को योग की शिक्षा देना।
- आध्यात्मिक स्तर पर योग साधन है: [1]
- आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन का
- आत्मा का शरीर और मन से मिलन का
- आत्मा का मन और मस्तिष्क से मिलन का
- आत्मा का व्यक्ति और समाज से मिलन का
- कोरोना काल में लोगों को किसके महत्त्व का ज्ञान हुआ? [1]
- अच्छे स्वास्थ्य का
- योग के महत्त्व का
- चिकित्सकों का
- पेड़-पौधों का
- योग को संजीवनी क्यों कहा गया है? [1]
- विश्व में भारत की पहचान बनाने के कारण।
- संसार की प्राचीनतम विद्या होने के कारण।
- ऋषि-मुनियों द्वारा महत्त्व दिए जाने के कारण।
- शरीर को स्वस्थ बनाने के महत्त्व के कारण।
- टोल फ्री नंबर से क्या अभिप्राय है? [1]
- संचार-सेवा के लिए उपलब्ध निःशुल्क फोन नंबर
- मनोरंजन के लिए उपलब्ध निःशुल्क फोन नंबर
- खरीददारी के लिए उपलब्ध नि:शुल्क फोन नंबर
- शिकायत दर्ज कराने के लिए उपलब्ध निःशुल्क फोन नंबर
- योग और टोल फ्री नंबर में क्या समानता नहीं है? [1]
- दोनों का लाभ सबके द्वारा प्राप्त किया जा रहा है।
- दोनों का लाभ कभी भी प्राप्त किया जा सकता है।
- दोनों का लाभ कोई भी प्राप्त कर सकता है।
- दोनों का लाभ कहीं भी प्राप्त किया जा सकता है।
- गद्यांश के आधार पर प्राचीनकाल में लोगों के नीरोग और दीर्घजीवी होने का क्या कारण था? [1]
- शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करना।
- शुद्ध प्राकृतिक वातावरण का होना।
- खूब शारीरिक परिश्रम करना।
- योग को जीवन का प्रमुख अंग बनाना।
- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: [1]
(क) योग तनाव घटाता है।
(ख) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
(ग) योग सभी समस्याओं का समाधान है।
ऊपर लिखित कथनों में से कौन सा/कौन से सही है/हैं?- केवल (क)
- केवल (ग)
- (क) और (ख)
- (ख) और (ग)
- योग शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ प्रेरणा भी देता है: [1]
- सादा जीवन उच्च विचार रखने का
- समस्त विश्व को परस्पर जोड़ने का
- समस्त मानव मात्र के कल्याण का
- प्रकृतिमय जीवन-पद्धति अपनाने का
- निम्नलिखित कथन, कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उसके बाद दिए गए विकल्पों में से एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: [1]
कथन (A): घर-घर, हर घट, हर घाट पर योग होना चाहिए।
कारण (R): योग से तन स्वस्थ और मन विकार-मुक्त होता है।- कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
- कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
- कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
- कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
Chapter:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
प्रतीक्षा की बहुत जोही बाट जेठ बीता, हुई वर्षा नहीं, नभ यों रहा खल्वाट आज है आषाढ़ वदि षष्ठी उठा था ज़ोर का तूफ़ान उसके बाद सघन काली घन घटा से हो रहा आच्छन्न यह आकाश आज होगी, सजनि, वर्षा-हो रहा विश्वास हो रही है अवनि पुलकित, ले रही नि:श्वास किंतु अपने देश में तो सुमुखि, वर्षा हुई होगी एक क्या, कै बार गा रहे होंगे मुदित हो लोग ख़ूब मलार भर गई होगी अरे वह वाग्मती की धार उगे होंगे पोखरों में कुमुद पद्म मखान आँख मूँदे कर रहा मैं ध्यान लिखूँ क्या प्रेयसि, यहाँ का हाल सामने ही बह रही भागीरथी, बस यही है कल्याण जिस किसी भाँति गर्मी से बचे हैं प्राण आज उमड़ी घन घटा को देख मन यही करता कि मैं भी, प्रियतमे, उसका करूँ आह्वान −कालिदास समान सामने सरपट पड़ा मैदान है न हरियाली किसी भी ओर तृण-लता तरुहीन नग्न प्रांतर देख उठ रहा सिर में बड़ा ही दर्द हरा धुँधला या कि नीला− आ रहा चश्मा न कोई काम किंतु मुझको हो रहा विश्वास यहाँ भी बादल बरसने जा रहा है आज अब न सिर में उठेगा फिर दर्द गंगा नहाते वक़्त आया ख्याल हिमालय में गल रही है बर्फ़: आज होगा ग्रीष्म ऋतु का अंत |
- 'आज वर्षा होगी' कवि के इस अति विश्वास का आधार क्या है? [1]
- जेठ मास का समाप्त होना।
- आषाढ़ मास का आगमन।
- धरती का प्रसन्न होना।
- आकाश में काले बादलों का घिर आना।
- 'उठ रहा सिर में बड़ा ही दर्द' −पंक्ति के संदर्भ में कवि के सिर में उठने वाले दर्द का कारण क्या है? [1]
- उसके स्वास्थ्य का ठीक न होना।
- समय पर वर्षा न होना।
- हरियाली विहीन प्रांतर का होना।
- भागीरथी में पानी कम होना।
- 'हो रहा आच्छन्न यह आकाश' −पंक्ति में 'आच्छन्न' शब्द का अर्थ है: [1]
- दबा हुआ।
- ढका हुआ।
- फैला हुआ।
- बिखरा हुआ।
- शहरी मैदान को कवि ने 'नग्न' क्यों कहा है? [1]
- तृण विहीन होने के कारण।
- लता विहीन होने के कारण।
- तरुहीन होने के कारण।
- वनस्पतिहीन होने के कारण।
- 'हो रही अवनि पुलकित, ले रही निःश्वास' −काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [1]
- अनुप्रास
- रूपक
- यमक
- मानवीकरण
Chapter:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
मैं भी अगर एक छोटा पंछी होता तो बस्ती-बस्ती में फिरता रहता सुंदर नद-नालों का यार होता मस्ती में अपनी झूमता रहता। मैं भी अगर ..... आदमी का गुण मुझ में न होता ईर्ष्या की आग में न जलता होता स्वार्थ के युद्ध में न मरता-मारता बंब-मिसाइल की वर्षा न करता। मैं भी अगर ...... आँख में दौलत का काजल न पुतता शान के लिए पराया माल न हड़पता हर मानव मेरा हित-बंदु होता रंग-रूप पर अपना गर्व न करता। मैं भी अगर ...... तब सारा जग मेरा अपना होता पासपोर्ट-वीज़ा कोई न खोजता स्वच्छन्द वन-वन में घूमता होता विश्व-भर में मेरा अपना राज्य होता। मैं भी अगर ...... प्यार के गीत जन-जन को सुनाता आवाज से अपनी सब को लुभाता मानवता की वेदी पर सिर झुकाता सागर-उर्मिल का झूला झुलाता मैं भी अगर एक छोटा पंछी होता |
- पंछी के रूप में कवि की क्या अभिलाषा है? [1]
- समस्त विश्व पर राज्य करने की
- समस्त विश्व का भ्रमण करने की
- समस्त विश्व में प्रेम-प्रसार करने की
- समस्त वन-प्रदेश में स्वतंत्र घूमने की
- 'आदमी का गुण मुझमें होता' −पंक्ति में निहितार्थ 'गुण' से कवि का अभिप्राय है: [1]
- आदमी में विद्यमान अवगुण।
- आदमी में विद्यमान अच्छाइयाँ।
- आदमी में विद्यमान मानवता की भावना।
- आदमी में विद्यमान परोपकार की भावना।
- प्रस्तुत काव्यांश में कवि समर्थक है: [1]
- भ्रमण, हिंसा, भ्रष्टाचार और अहंकार का
- भ्रमण, अहिंसा, ईमानदारी और शानो-शौकत का
- शांति, हिंसा, ईमानदारी और शानो-शौकत का
- शांति, अहिंसा, ईमानदारी और विश्व-बंधुत्व का
- 'स्वच्छन्द वन-वन में घूमता होता' पंक्ति में आए 'स्वच्छन्द' शब्द का पर्यायवाची नहीं है: [1]
- आज़ाद
- निरंकुश
- मुक्त
- नियंत्रित
- 'सागर-उर्मिल का झूला झुलाता है' −पंक्ति के रेखांकित अंश में कौन-सा अलंकार है? [1]
- रूपक
- उत्पेक्षा
- मानवीकरण
- अतिश्योक्ति
Chapter:
मुद्रित माध्यमों की विशेषता के संबंध में इनमें से कौन-सा कथन असत्य है?
पाठकों के भाषा, ज्ञान, शैक्षिक-योग्यता का ध्यान रखा जाता है।
यह चिंतन, विचार और विश्लेषण का माध्यम है।
यह लिखित भाषा का विस्तार है।
यह छपे हुए शब्दों का स्थायित्व है।
Chapter:
संपादन कहलाता है:
प्राप्त खबरों को समाचार-पत्र में प्रकाशित करने योग्य बनाना।
प्राप्त खबरों की सत्यता और रोचकता सिद्ध करना।
समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए खबरों को ढूँढ़ना।
समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए खबरों को एकत्रित करना।
Chapter:
नेट साउंड या नेट कहते हैं:
घटना स्थल से प्रत्यक्षदर्शियों की आवाज़ को
शूट करते समय खुद-ब-खुद रिकार्ड होने वाली आवाज़ को
खबरों को प्रभावशाली बनाने के लिए कृत्रिम आवाज़ को
नेट के माध्यम से आने वाली आवाज़ को
Chapter:
तथ्यों या सूचनाओं को उनके घटते हुए महत्त्वपूर्ण क्रम में लिखना, कहलाता है:
उलटा पिरामिड शैली
सीधा पिरामिड शैली
कथात्मक शैली
वर्णनात्मक शैली
Chapter:
समाचार के मुखड़े में खबर लिखी जाने का सही ककार क्रम है:
क्या, कौन, कब, कहाँ
क्या, कौन, कब, क्यों
कौन, क्यों, क्या, कैसे
क्या, कहाँ, कब, कैसे
Chapter:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
झूमने लगे फल, रस अलौकिक, अमृत धाराएँ फूटती रोपाई क्षण की कटाई अनंतता की लुटते रहने से जरा भी नहीं कम होती रस का अक्षय पात्र सदा का छोटा मेरा खेत चौकोना |
- साहित्यिक कृति से जो अलौकिक अमृत-धारा फूटी, वह किसका परिणाम है? [1]
- कवि की कल्पना का
- किसान की मेहनत का
- क्षण में होने वाली रोपाई का
- क्षण में होने वाली कटाई का
- 'कटाई अनंतता की' के माध्यम से कवि साहित्य की किस विशेषता की ओर संकेत करना चाहता है? [1]
- साहित्य कालजयी होता है।
- साहित्य समाज-सापेक्ष होता है।
- साहित्य समाज का दर्पण होता है।
- साहित्य अनंतता का भंडार होता है।
- रचना कर्म की दृष्टि से साहित्य को 'रस का अक्षय पात्र' क्यों कहा गया है? [1]
- साहित्य जगत में कवि की पहचान अनंतकाल तक बनी रहने के कारण।
- साहित्य से प्राप्त आनंद के अनंतकाल तक बने रहने के कारण।
- साहित्य और समाज का घनिष्ठ संबंध होने के कारण।
- साहित्य मनोरंजन का प्रमुख साधन होने के कारण।
- कवि कर्म की दृष्टि से 'रोपाई' का अर्थ है: [1]
- काव्यानंद की अनुभूति।
- फसल की कटाई करना।
- बीजों की बुवाई करना।
- अनुभूति को शब्द-बद्ध करना।
- छोटा खेत किसका प्रतीकार्थ है? [1]
- फसल रोपे जाने वाले खेत का।
- आकार में छोटे खेत का।
- कागज के उस पन्ने का जिस पर रचना शब्द-बद्ध होती है।
- कागज के उस पन्ने का जो पुस्तक में जिल्द-बद्ध रहता है।
Chapter:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
पिता का उस पर अगाध प्रेम होने के कारण स्वभावतः ईर्ष्यालु और संपत्ति की रक्षा में सतर्क विमाता ने उनके मरणांतक रोग का समाचार तब भेजा, जब वह मृत्यु की सूचना भी बन चुका था। रोने-पीटने के अपशकुन से बचने के लिए सास ने भी उसे कुछ न बताया। बहुत दिन से नैहर नहीं गई, सो जाकर देख आवे, यही कहकर और पहना-उढाकर सास ने उसे विदा कर दिया। इस अप्रत्याशित अनुग्रह ने उसके पैरों में जो पंख लगा दिए थे, वे गाँव की सीमा में पहुँचते ही झड़ गए। ‘हाय लछिमन अब आई’ की अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण दृष्टियाँ उसे घर तक ठेल ले गईं। पर वहाँ न पिता का चिह्न शेष था, न विमाता के व्यवहार में शिष्टाचार का लेश था। दुख से शिथिल और अपमान से जलती हुई वह उस घर में पानी भी बिना पिए उलटे पैरों ससुराल लौट पड़ी। सास को खरी-खोटी सुनाकर उसने विमाता पर आया हुआ क्रोध शांत किया और पति के ऊपर गहने फेंक-फेंककर उसने पिता के चिर विछोह की मर्मव्यथा व्यक्त की। |
- पिता की मृत्यु का समाचार भक्तिन के पास विमाता द्वारा देरी से भेजने का कारण था: [1]
- उसे पसंद न करना।
- उससे ईर्ष्या करना।
- संपत्ति की रक्षा करना।
- कोई साधन न होना।
- भक्तिन ने सास के किस व्यवहार को 'अप्रत्याशित अनुग्रह' कहा है? [1]
- बिना कहे ही पिता के घर जाने के लिए कहना।
- बढ़िया-बढ़िया वस्त्र पहनने के लिए देना।
- बढ़िया-बढ़िया गहने पहनने के लिए देना।
- पिता के घर जाने के लिए चना-चबेना देना।
- 'पैरों के पंखों का गाँव की सीमा में पहुँचते ही झड़ जाना' −का आशय है: [1]
- थकावट का दूर हो जाना।
- खुशियों का समाप्त हो जाना।
- खुशियों का दुख में बदल जाना।
- पैरों की गति का मंद पड़ जाना।
- निम्नलिखित कथन, कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: [1]
कथन (A): लक्ष्मी पिता के घर में पानी भी बिना पिए उलटे पैरों ससुराल लौट पड़ी।
कारण (R): वह पिता के चिर-वियोग और विमाता के व्यवहार से दुखी थी।- कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
- कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
- कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
- कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
- गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: [1]
(क) गाँव की सीमा में पहुँचते ही लक्ष्मी के पैरों में पंख लग गए।
(ख) लक्ष्मी को देखते ही गाँव वाले उसे सहानुभूतिपूर्ण दृष्टि से देखने लगे।
(ग) लक्ष्मी ने विमाता पर आया क्रोध पति को खरी-खोटी सुनाकर शांत किया।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?- केवल (क)
- केवल (ख)
- केवल (क) और (ग)
- केवल (ख) और (ग)
Chapter:
आनंदा का पिता अपने बेटे से खेतों में काम क्यों करवाता था?
अपने पुत्र को परिश्रमी बनाने के लिए।
खेती-बाड़ी के काम में दक्ष बनाने के लिए।
आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए।
अपना जीवन मौज-मस्ती में व्यतीत करने के लिए।
Chapter:
यशोधर बाबू ने सरकारी घर में रहते हुए भी किस कारण से रहने के लिए घर नहीं बनवाया?
तनख्वाह कम और खर्च ज्यादा होने के कारण।
तीन में से एक-न-एक लड़के का सरकारी नौकरी में आने के विश्वास के कारण।
मकान बनाने के झंझटों से बचने के कारण।
भविष्य के बारे में योजनाबद्ध तरीके से न चलने के कारण।
Chapter:
'अजायबघर में प्रदर्शित चीजों में औज़ार तो हैं, पर हथियार कोई नहीं है।' इस पंक्ति के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि ______
सिंधु घाटी सभ्यता स्वयं अनुशासित सभ्यता थी।
सिंधु घाटी सभ्यता राजा द्वारा अनुशासित सभ्यता थी।
सिंधु घाटी सभ्यता लो-प्रोफाइल सभ्यता थी।
सिंधु घाटी सभ्यता धर्म पोषित सभ्यता थी।
Chapter:
यशोधर बाबू के मातहत उन्हें क्यों पसंद नहीं करते थे?
वे अपना काम अपने मातहतों से करवाते थे।
उनके कारण उन्हें दफ्तर में देर तक बैठना पड़ता था।
वे जूनियरों के साथ कठोर व्यवहार करते थे।
मातहतों का हँसी - मजाक उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं था।
Chapter:
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दफ़्तर से बाहर निकलते समय यशोधर बाबू किशन दा द्वारा सिखाई गई कौन-सी परंपरा का पालन अवश्य करते?
जूनियरों के साथ चाय-कॉफी पीना।
जूनियरों के साथ मनोरंजक बात करना।
अपनी टेबल का सारा काम खत्म करना।
जूनियरों के दिन-भर के काम का लेखा-जोखा लेना।
Chapter:
दीवाली बीतते ही गाँव में कैसी चहल-पहल शुरू हो जाती थी?
खेतों में फसलों की बुवाई शुरू होने लगती थी।
खेतों में फसलों की कटाई शुरू होने लगती थी।
ईख पेरने के लिए कोल्हू चलने लगते थे।
फसलों को बेचने का काम शुरू होने लगता था।
Chapter:
आनंदा को स्कूल में फिर से नाम लिखवाने की जरूरत क्यों नहीं पड़ी?
क्योंकि दत्ताजी राव ने उसे स्कूल पढ़ने के लिए भेजा था।
क्योंकि उसका नाम रजिस्टर से कटा नहीं था।
क्योंकि वह गाँव के प्रतिष्ठित परिवार से था।
क्योंकि उसके पिता के मास्टर जी से घनिष्ठ संबंध थे।
Chapter:
आनंदा ने पाठशाला नहीं जाने की बात क्यों सोची?
लड़कों द्वारा खिल्ली उड़ाये जाने के कारण।
मास्टर जी के कठोर व्यवहार के कारण।
स्कूल की वर्दी न होने के कारण।
कॉपी-किताब न होने के कारण।
Chapter:
मुअनजो-दड़ो की गलियों में टहलते हुए लेखक को किस जगह की याद आई?
राजस्थान के गाँव कुलधरा की
हरियाणा के गाँव कुलधरा की
गुजरात के गाँव कुलधरा की
पंजाब के गाँव कुलधरा की
Chapter:
कथन (A): सिंधु घाटी सभ्यता लघुता में भी महत्ता का अनुभव कराने वाली संस्कृति थी।
कारण (R): (क) लो-प्रोफाइल सभ्यता थी।
(ख) यहाँ के मूर्तिशिल्प, औजार छोटे हैं।
(ग) यहाँ मिले नरेश के सिर से छोटे सिरपेंच की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
कथन (A) सही है, पर सभी कारण (R) ठीक नहीं हैं।
कथन (A) सही है और (ख) और (ग) कारण (R) उसकी सही व्याख्या करते हैं।
कथन (A) गलत है पर सभी कारण (R) ठीक हैं।
कथन (A) सही है और तीनों कारण (R) उसकी सही व्याख्या करते हैं।
Chapter:
निम्नलिखित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए:
सर्दी की एक कँपकँपाती रात
Chapter:
निम्नलिखित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए:
जब पिताजी की पदोन्नति हुई
Chapter:
निम्नलिखित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए:
दिनोंदिन गिरता भू-जल स्तर
Chapter:
निम्नलिखित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए:
स्वप्न में प्रिय अभिनेता/अभिनेत्री से भेंट
Chapter:
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
कहानी और नाटक में पाई जाने वाली समानताओं और असमानताओं का उल्लेख कीजिए।
Chapter:
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
"रेडियो नाटक का लेखन सिनेमा और रंगमंच के लेखन से थोड़ा भिन्न भी है और थोड़ा मुश्किल भी" −कैसे? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
Chapter:
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
कथावस्तु का नाट्य रूपांतरण करते समय दृश्य किस आधार पर विभाजित किए जाते हैं?
Chapter:
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 80 शब्दों में दीजिए:
जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में से सबसे पुराना माध्यम कौन-सा है? उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
Chapter:
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निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 80 शब्दों में दीजिए:
पत्रकारीय लेखन किसे कहते हैं? पत्रकारों के विभिन्न प्रकारों का विस्तार से उल्लेख कीजिए।
Chapter:
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 80 शब्दों में दीजिए:
समाचार लेखन की शैली का विस्तार से वर्णन करते हुए लिखिए कि यह शैली समाचार-लेखन की मानक शैली कैसे बनी।
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता 'प्रकृति की दैनिक परिवर्तनशीलता के संदर्भ में प्राणि-वर्ग के धड़कते हृदय को सुनने की कोशिश है।' सिद्ध कीजिए।
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
'यह घर, वह घर सब घर एक कर देने के माने बच्चा ही जान।' |
'कविता के बहाने' से उद्धृत इन पंक्तियों के संदर्भ में लिखिए कि कवि ने बच्चों की किस विशेषता और अपनी किस असमर्थता का उल्लेख किया है? कविता और बच्चों में क्या समानता है?
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए:
'बादल राग' कविता के आधार पर बादलों के आगमन से प्रकृति में हुए परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए:
'कैमरे में बंद अपाहिज' कविता के आधार पर लिखिए कि मीडिया कर्मी अपने कार्यक्रम का अंत एक खीझ भरी मुस्कुराहट के साथ क्यों करता है?
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए:
'बात सीधी थी पर' कविता के संदर्भ में लिखिए कि भाषा को चमत्कारी/प्रभावशाली बनाने के लिए कवि क्या-क्या प्रयोग करता है?
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए:
'बगुलों के पंख' कविता की पंक्ति 'चुराए लिए जाती वे मेरी आँखें' −से कवि का क्या आशय है?
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए:
'भक्तिन' पाठ के आधार पर भारतीय ग्रामीण समाज में लड़के-लड़कियों में किए जाने वाले भेद-भाव का वर्णन कीजिए।
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए:
'बाजार दर्शन' पाठ से ली गई पंक्ति− 'जहाँ तृष्णा है, बटोर रखने की स्पृहा है, वहाँ उस बल का बीज नहीं है।' −में किस बल की बात कही गई है? इस बल से युक्त और हीन व्यक्ति की विशेषताएँ लिखिए।
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए:
'काले मेघा पानी दे' पाठ के आधार पर लिखिए कि आज़ादी के वर्षों बाद भी लेखक का मन दुःखी क्यों था? उसके मन में किस तरह के प्रश्न उठ रहे थे?
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए:
'पहलवान की ढोलक' पाठ के आधार पर लिखिए कि महामारी फैलने के बाद गाँव में कैसा दृश्य उपस्थित हो गया था?
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए:
'शिरीष के फूल' पाठ के संदर्भ गांधी जी के व्यक्तित्व के लिए प्रयुक्त कोमल और कठोर विशेषणों का आशय स्पष्ट कीजिए।
Chapter:
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए:
भक्तिन की पाक-कला की योग्यता के विषय में लिखिए।
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