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'पतीवरता' शब्द का शुद्ध रूप बताइए:
Concept: वाक्यगत अशुद्धियों का शोधन
'उन्नीस बीस का अन्तर' मुहावरे का अर्थ बताइए:
Concept: मुहावरे और लोकोक्तियाँ
रोगी की दिशा ठीक नहीं है।
(रेखांकित शब्द के स्थान पर उचित शब्द का प्रयोग कीजिए।)
Concept: वाक्य रूपांतरण
कई बार देश की रक्षा से जुड़े फैसलों को गुप्त रखा जाना आवश्यक होता है।
(रेखांकित वाक्यांश हेतु उपयुक्त शब्द का प्रयोग किस विकल्प में हुआ है)
Concept: वाक्य रूपांतरण
Read the extract given below and answer· in Hindi the questions that follow:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए:
ऐसो को उदार जग माही। बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर राम सरिस कोउ नाहीं। जो गति जोग विराग जतन करि, नहिं पावत मुनि-ज्ञानी। सो गति देते गीध सबरी कहूँ प्रभु न बहुत जिय जानी। जो संपत्ति दस सीस अरप करि रावन सिव पहँ लीन्ही। सो संपदा-विभीषण कहँ अति सकुच सहित प्रभु दीन्ही। तुलसीदास सब भाँति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो। तौ भजु राम, काम सब पूरन करै कृपानिधि तेरो। विनय के पद-तुलसीदास |
- तुलसीदास जी किस काल एवं शाखा के कवि थे? उनकी भक्ति-भावना पर प्रकाश डालिए। [2]
- प्रस्तुत पद में “गति” शब्द से क्या तात्पर्य है? राम ने गीध और सबरी को यह गति कब प्रदान की थी? [2]
- विभीषण का परिचय दीजिए। राम ने उसे कौन-सी संपदा प्रदान कर अपनी उदारता दिखाई तथा उदारता दिखाते समय उनका भाव किस प्रकार था? [3]
- पद की अंतिम दो पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए। [3]
Concept: विनय के पद
Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए:
वह भी अच्छी तरह से किस-किस को देखे। “आज कल तो ऐसा लगता है, मानो पूरा शहर ही अस्पताल में उमड़ आया है। समझ में नहीं आता, ऐसी भीड़ क्यों है?” भीड़ में खोया आदमी-लीलाधर शर्मा पर्वतीय |
- प्रस्तुत पंक्तियां किस संदर्भ में कही गई हैं? [2]
- श्रोता कहाँ गया था और क्यों? [2]
- पाठ में वर्णित भीड़ का क्या कारण है? इस भीड़ का कया परिणाम सहना पड़ रहा है? [3]
- इस भीड़ से कैसे बचा जा सकता है? लेखक अपने मित्र को भीड़ का रहस्य क्यों समझाना नहीं चाहते हैं? उदाहरण सहित बताइए। [3]
Concept: भीड़ में खोया आदमी
Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए:
क्या राह में परिचय कहूँ राही हमारा नाम है। चलना हमारा काम है। जीवन अपूर्ण लिए हुए, पाता कभी, खोता कभी, आशा-निराशा से घिरा, हँसता कभी, रोता कभी । गति मति न हो अवरुद्ध, इसका ध्यान आठों याम है। चलना हमारा काम है- शिवमंगल सिंह सुमन |
- राही किसे कहा गया है और क्यों? [2]
- कवि के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में किस- स प्रकार के अनुभवों का सामना करना पड़ता है? [2]
- 'आठों याम' से कवि का क्या अशिप्राय है? इस समय में कवि प्रभु से क्या प्रार्थना करते है और क्यों ? [3]
- जीवन में निरंतर चलते रहना क्यों आवश्यक है? यदि मनुष्य के दिल में लगातार चलने की चाह ही नहीं रहे तो इस के क्या- दुष्परिणाम हो सकते हैं? कविता के आधार पर बताइए। [3]
Concept: चलना हमारा काम है