English

SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] - Maharashtra State Board Important Questions for Hindi (Second/Third Language) [हिंदी (दूसरी/तीसरी भाषा)]

Advertisements
[object Object]
[object Object]
Subjects
Popular subjects
Topics
Advertisements
Advertisements
Hindi (Second/Third Language) [हिंदी (दूसरी/तीसरी भाषा)]
< prev  41 to 60 of 226  next > 

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

आपसे किसने कहा स्‍वर्णिम शिखर बनकर दिखो,
शौक दिखने का है तो फिर नींव के अंदर दिखाे।

चल पड़ी तो गर्द बनकर आसमानों पर लिखो,
और अगर बैठो कहीं ताे मील का पत्‍थर दिखाे।

सिर्फ देखने के लिए दिखना कोई दिखना नहीं,
आदमी हो तुम अगर तो आदमी बनकर दिखाे।

जिंदगी की शक्‍ल जिसमें टूटकर बिखरे नहीं,
पत्‍थरों के शहर में वो आईना बनकर दिखो। 

(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइए: (2)

‘अ’ ‘आ’
(i) शिखर गर्द
(ii) आसमान जिंदगी
(iii) पत्थर स्वर्णिम
(iv) शक्ल मील
  नींव

(2) उत्तर लिखिए: (2)

(i) मनुष्य को ये बनकर दिखाना है:

  1. ______
  2. ______

(ii) कवि दिखने के लिए कहते हैं:

  1. ______
  2. ______

(3) प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0108] गजल
Concept: गजल

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

हाथ में संतोष की तलवार ले जो उड़ रहा है,
जगत में मधुमास, उसपर सदा पतझर रहा है,
दीनता अभिमान जिसका, आज उसपर मान कर लूँ।
उस कृषक का गान कर लूँ।।

चूसकर श्रम रक्‍त जिसका, जगत में मधुरस बनाया,
एक-सी जिसको बनाई, सृजक ने भी धूप-छाया,
मनुजता के ध्वज तले, आह्‌वान उसका आज कर लूँ।
उस कृषक का गान कर लूँ।।

(1) आकृति में लिखिए: (2)

(i)

(ii)

(2) (i) उपर्युक्त पद्यांश से ‘ता’ प्रत्यययुक्त दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)

  1. ______
  2. ______

(ii) पद्यांश में आए दो संस्कृत शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)

  1. ______
  2. ______

(3) उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0111] कृषक का गान
Concept: कृषक का गान

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मन मोरा।।

दामिनि दमक रहहिं घन माहीं। खल कै प्रीति जथा थिर नाहीं।।

बरषहिं जलद भूमि निअराएँ। जथा नवहिं बुध विद्या पाएँ।।

बूँद अघात सहहिं गिरि कैसे। खल के बचन संत सह जैसे।।

छुद्र नदी भरि चली तोराई। जस थोरेहुँ धन खल इतराई।।

भूमि परत भा ढाबर पानी। जनु जीवहिं माया लपटानी।।

समिटि-समिटि जल भरहिं तलावा। जिमि सदगुन सज्जन पहिं आवा।।

सरिता जल जलनिधि महुँ जाईं। होई अचल जिमि जिव हरि पाई।।

(1) लिखिए: (2)

पद्यांश में आए जल स्रोत- 

  1. ______
  2. ______
  3. ______
  4. ______

(2) निम्न शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त समानार्थी शब्द लिखिए: (2)

  1. गगन -
  2. पर्वत -
  3. बिजली -
  4. दुष्ट -

(3) उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.020099999999999996] बरषहिं जलद
Concept: बरषहिं जलद

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

दादुर धुनि चहुँ दिसा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई।।

नव पल्‍लव भए बिटप अनेका। साधक मन जस मिले बिबेका।।

अर्क-जवास पात बिनु भयउ। जस सुराज खल उद्यम गयऊ।।

खोजत कतहुँ मिलइ नहिं धूरी। करइ क्रोध जिमि धरमहिं दूरी।।

ससि संपन्न सोह महि कैसी। उपकारी कै संपति जैसी।।

निसि तम घन खद्योत बिराजा। जनु दंभिन्ह कर मिला समाजा।।

कृषी निरावहिं चतुर किसाना। जिमि बुध तजहिं मोह-मद-माना।।

देखिअत चक्रबाक खग नाहीं। कलिहिं पाइ जिमि धर्म पराहीं।।

विविध जंतु संकुल महि भ्राजा। प्रजा बाढ़ जिमि पाई सुराजा।।

जहँ-तहँ रहे पथिक थकि नाना। जिमि इंद्रिय गन उपजे ग्‍याना।।

(1) परिणाम लिखिए: (2)

  1. कलियुग आने से ______
  2. सुराज होने से ______
  3. बरसात के आने से ______
  4. क्रोध के आने से ______

(2) पद्यांश में ढूँढ़कर लिखिए: (2)

(i) ऐसे दो शब्द जिनका वचन परिवर्तन से रूप नहीं बदलता: (1)

  1. ______
  2. ______

(ii) ऐसे शब्द जिनका अर्थ निम्न शब्द हों: (1)

  1. मेंढक = ______
  2. वृक्ष = ______

(3) उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.020099999999999996] बरषहिं जलद
Concept: बरषहिं जलद

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मन मोरा।।
दामिनि दमक रहहिं घन माहीं। खल कै प्रीति जथा थिर नाहीं।।
बरषहिं जलद भूमि निअराएँ। जथा नवहिं बुध विद्या पाएँ।।
बूँद अघात सहहिं गिरि कैसे। खल के बचन संत सह जैसे।।
छुद्र नदी भरि चली तोराई। जस थोरेहुँ धन खल इतराई।।
भूमि परत भा ढाबर पानी। जनु जीवहिं माया लपटानी।।
समिटि-समिटि जल भरहिं तलावा। जिमि सदगुन सज्‍जन पहिं आवा।।
सरिता जल जलनिधि महुँ जाई। होई अचल जिमि जिव हरि पाई।।
  1. निम्नलिखित विधान सत्य अथवा असत्य पहचानकर लिखिए :     [2]
    1. उपर्युक्त पद्यांश में शिशिर ऋतु का वर्णन किया है → ______
    2. श्री राम जी का मन डर रहा है → ______
    3. दुष्ट व्यक्ति का प्रेम स्थिर नहीं होता है → ______
    4. सदगुण एक-एक करके अपने आप सज्जन व्यक्ति के पास आ जात हैं → ______
    1. निम्नलिखित शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द दूँढ़कर लिखिए:     [1]
      1. दुष्ट - 
      2. विद्वान - 
    2. निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:    [1]
      1. बूँद →
      2. गिरी →
  2. उपर्युक्त पदूयांश से क्रमश: किन्हीं दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।    [2]
Appears in 1 question paper
Chapter: [0.020099999999999996] बरषहिं जलद
Concept: बरषहिं जलद

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

इस वर्ष बड़ी भीषण गरमी पड़ रही थी। दिन तो अंगारे से तपे रहते ही थे, रातों में भी लू और उमस से चैन नहीं मिलता था। सोचा इस लिजलिजे और घुटनभरे मौसम से राहत पाने के लिए कुछ दिन पहाड़ों पर बिता आएँ।

अगले सप्ताह ही पर्वतीय स्थल की यात्रा पर निकल पड़े। दो-तीन दिनों में ही मन में सुकून-सा महसूस होने लगा था। वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य, हरे-भरे पहाड़ गर्व से सीना ताने खड़े, दीर्घता सिद्ध करते वृक्ष, पहाड़ों की नीरवता में हल्का-सा शोर कर अपना अस्तित्व सिद्ध करते झरने, मन बदलाव के लिए पर्याप्त थे।

उस दिन शाम के वक्‍त झील किनारे टहल रहे थे। एक भुट्‌टेवाला आया और बोला- "साब, भुट्‌टा लेंगे। गरम-गरम भूनकर मसाला लगाकर दूँगा।" सहज ही पूछ लिया- "कितने का है ?"
"पाँच रुपये का।"
"क्‍या ? पाँच रुपये में एक भुट्‌टा। हमारे शहर में तो दो रुपये में एक मिलता है, तुम तीन ले लो।"

  1. संजाल पूर्ण कीजिए:       [2]
  2. 'प्रकृति मन को प्रसन्न करती है' विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।      [2]
Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0202] दो लघुकथाएँ (पूरक पठन) : कंगाल, सही उत्‍तर
Concept: कंगाल

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

         आम तौर से माना जाता है कि रुपया, नोट या सोना-चाँदी का सिक्‍का ही संपत्‍ति है, लेकिन यह ख्याल गलत है क्‍योंकि ये तो संपत्‍ति के माप-तौल के साधन मात्र हैं। संपत्‍ति तो वे ही चीजें हो सकती हैं जो किसी-न-किसी रूप में मनुष्‍य के उपयोग में आती हैं। उनमें से कुछ ऐसी हैं जिनके बिना मनुष्‍य जिंदा नहीं रह सकता एवं कुछ, सुख-सुविधा और आराम के लिए होती हैं। अन्न, वस्‍त्र और मकान मनुष्‍य की प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं, जिनके बिना उसकी गुजर-बसर नहीं हो सकती। इनके अलावा दूसरी अनेक चीजें हैं जिनके बिना मनुष्‍य रह सकता है।

         प्रश्न उठता है कि संपत्‍तिरूपी ये सब चीजें बनती कैसे हैं? सृष्‍टि में जो नानाविध द्रव्य तथा प्राकृतिक साधन हैं, उनको लेकर मनुष्‍य शरीर श्रम करता है, तब यह काम की चीजें बनती हैं। अतः संपत्‍ति के मुख्य साधन दो हैं: सृष्‍टि के द्रव्य और मनुष्‍य का शरीर श्रम। यंत्र से कुछ चीजें बनती दिखती हैं पर वे यंत्र भी शरीर श्रम से बनते हैं और उनको चलाने में भी प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष शरीर श्रम की आवश्यकता होती है। केवल बौद्‌धिक श्रम से कोई उपयोग की चीज नहीं बन सकती अर्थात बिना शरीर श्रम के संपत्‍ति का निर्माण नहीं हो सकता।

(1) आकृति में दिए गए शब्दों का सूचना के अनुसार वर्गीकरण कीजिए: (2)

(2) उत्तर लिखिए: (2)

गद्यांश में उल्लेखित ख्याल ख्याल गलत होने का कारण
________________ ________________

(3) सूचनाओं के अनुसार कृति पूर्ण कीजिए: (2)

(i) गद्यांश में प्रयुक्त शब्दयुग्म लिखिए: (1)

  1. ______
  2. ______

(ii) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए: (1)

चीजें बनती दिखती हैं।

(4) ‘शारीरिक श्रम का महत्त्व’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0203] श्रम साधना
Concept: श्रम साधना

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

अभी समाज में यह चल रहा है कि बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं और थोड़े बौद्धिक श्रम से। जिनके पास संपत्ति अधिक है, वे आराम में रहते हैं। अनेक लोगों में श्रम करने की आदत भी नहीं है। इस दशा में उक्त नियम का अमल होना दूर की वात है फिर भी उसके पीछे जो तथ्य है, वह हमें स्वीकार करना चाहिए भले ही हमारी दुर्बलता के कारण हम उसे ठीक तरह से न निभा सकें क्योंकि आजीविका की साधन-सामग्री किसी-न-किसी के श्रम बिना हो ही नहीं सकती। इसलिए बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता। अगर पैसे के बल पर हम सामग्री खरीदते हैं तो उस पैसे की जड़ भी अंत में श्रम ही है।

धनिक लोग अपनी ज्यादा संपत्ति का उपयोग समाज के हित में ट्रस्टी के तौर पर करें। संपत्ति दान यज्ञ और भूदान यज्ञ का भी आखिर आशय क्या है? अपने पास आवश्यकता से जो कुछ अधिक है, उसपर हम अपना अधिकार न समझकर उसका उपयोग दूसरों के लिए करें।

यह भी बहस चलती है कि धनिकों के दान से सामाजिक उपयोग के अनेक बड़े-बड़े कार्य होते हैं जैसे कि अस्पताल, विद्यालय आदि।

(1) उत्तर लिखिए:     [2]

  1. समाज में अपनी आजीविका बहुत से लोग इससे चलाते हैं -
  2. समाज में अपनी आजीविका थोड़े लोग इससे चलाते हैं -
  3. आराम में रहने वाले लोगों के पास यह अधिक है -
  4. अनेक लोगों में इसकी आदत नहीं है -

(2) कृति पूर्ण कीजिए:     [2]

(3) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:      [2]

  1. उपसर्गयुक्त शब्द शब्द प्रत्यययुक्त शब्द
    ______ ← श्रम → ______
  2. गद्यांश में प्रयुक्त शब्दयुग्म ढुँढ़कर उसका अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए।

(4) 'करोगे दान पाओगे सामाधान' विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।      [2]

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0203] श्रम साधना
Concept: श्रम साधना

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

मैं लरजकर बोला,
मुद्राएँ आप मेरे मुख पर देख लीजिए,
वे खड़े होकर कुछ सोचने लगे
फिर शयनकक्ष में घुस गए
और फटे हुए तकिये की रूई नोचने लगे
उन्होंने टूटी अलमारी को खोला
रसोई की खाली पीपियों को टटोला
बच्चों की गुल्लक तक देख डाली
पर सब में मिला एक ही तत्त्व खाली .......
कनस्तरों को, मटकों को ढूँढ़ा सब में मिला शून्य-ब्रह्मांड

1. आकृति पूर्ण कीजिए: (2)

2. पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए: (1)

i. ऐसे शब्द जिनका अर्थ निम्न शब्द हो:

  1. टीन का पीप - ______
  2. कमरा - ______

ii. वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए: (1)
उन्होंने टूटी अलमारी को खोला।
________________________

3. अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ २५ से ३० शब्दों में लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0204] छापा
Concept: छापा

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गईं सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

अम्मा बताती हैं- हमारी शादी में चढ़ावे के नाम पर सिर्फ पाँच ग्राम सोने के गहने आए थे, लेकिन जब हम विदा होकर रामनगर आए तो वहाँ उन्हें मुँह दिखाई में गहने मिले। सभी नाते-रिश्तेवालों ने कुछ-न-कुछ दिया था। जिन दिनों हम लोग बहादुरगंज के मकान में आए, उन्हीं दिनों तुम्हारे बाबू जी के चाचा जी को कोई घाटा लगा था। किसी तरह से बाकी का रुपया देने की जिम्मेदारी हम पर आ पड़ी-बात क्‍या थी, उसकी ठीक से जानकारी लेने की जरूरत हमने नहीं सोची और न ही इसके बारे में कभी कुछ पूछताछ की। एक दिन तुम्हारे बाबू जी ने दुनिया की मुसीबतों और मनुष्य की मजबूरियों को समझाते हुए जब हमसे गहनों की माँग की तो क्षण भर के लिए हमें कुछ वैसा लगा और गहना देने में तनिक हिचकिचाहट महसूस हुई पर यह सोचा कि उनकी प्रसन्नता में हमारी खुशी है, हमने गहने दे दिए। केवल टीका, नथुनी, बिछिया रख लिए थे। वे हमारे सुहागवाले गहने थे। उस दिन तो उन्होंने कुछ नहीं कहा, पर दूसरे दिन वे अपनी पीड़ा न रोक सके। कहने लगे- “तुम जब मिरजापुर जाओगी और लोग गहनों के संबंध में पूछेंगे तो क्या कहोगी?”

(1) आकृति में लिखिए: (2)

(i)

(ii) 

(2) निम्नलिखित वाक्य उचित क्रम लगाकर लिखिए: (2)

  1. मुँह दिखाई में गहने मिले।
  2. बाबू जी अपनी पीड़ा न रोक सके।
  3. विदा होकर रामनगर आना।
  4. पाँच ग्राम सोने के गहने आना।

(3) वचन परिवर्तन करके लिखिए: (2)

  1. रिश्ता -
  2. दिन -
  3. शादी -
  4. मुसीबत -

(4) ‘पारिवारिक सुख-दुख में प्रत्येक का सहभाग’ इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.020499999999999997] ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
Concept: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

गाड़ी ले हम चल पड़े। क्या शान की सवारी थी। याद कर बदन में झुरझुरी आने लगी है। जिसके यहाँ खाना था, वहाँ पहुँचा। बातचीत में समय का ध्यान नहीं रहा। देर हो गई।

याद आया बाबू जी आ गए होंगे।

वापस घर आ फाटक से पहले ही गाड़ी रोक दी। उतरकर गेट तक आया। संतरी को हिदायत दी। यह सैलूट-वैलूट नहीं, बस धीरे से गेट खोल दो। वह आवाज करे तो उसे बंद मत करो, खुला छोड़ दो।

बाबू जी का डर। वह खट-पट सैलूट मारेगा तो आवाज होगी और फिर गेट की आवाज से बाबू जी को हम लोगों के लौटने का अंदाजा हो जाएगा। वे बेकार में पूछताछ करेंगे। अभी बात ताजा है। सुबह तक बात में पानी पड़ चुका होगा। संतरी से जैसा कहा गया, उसने किया। दबे पैर पीछे किचन के दरवाजे से अंदर घुसा। जाते ही अम्मा मिलीं।

पूछा - ‘‘बाबू जी आ गए? कुछ पूछा तो नहीं ?’’

बोली - ‘‘हाँ, आ गए। पूछा था। मैंने बता दिया।’’

(1) उत्तर लिखिए: (2)

लेखक द्वारा संतरी को दी गई दो सूचनाएँ:

  1. ______
  2. ______

(2) लिखिए: (2)

  1. शान की सवारी याद आने का परिणाम ______
  2. बातचीत में समय बिताने का परिणाम ______

(3) 

(क) गद्यांश से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए जिनका वचन परिवर्तन से रूप नहीं बदलता: (1)

  1. ______

______

(ख) गदयांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए: (1)

  1. ______
  2. ______

(4) ‘दादा-दादी के प्रति मेरा कर्तव्य’ विषय पर अपने विचार लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.020499999999999997] ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
Concept: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

हम उस धरती के लड़के हैं, जिस धरती की बातें
क्या कहिए; अजी क्या कहिए; हाँ क्या कहिए।
यह वह मिट्टी, जिस मिट्टी में खेले थे यहाँ ध्रुव-से बच्चे।

यह मिट्टी, हुए प्रहलाद जहाँ, जो अपनी लगन के थे सच्चे।
शेरों के जबड़े खुलवाकर, थे जहाँ भरत दतुली गिनते,
जयमल-पत्ता अपने आगे, थे नहीं किसी को कुछ गिनते!

इस कारण हम तुमसे बढ़कर, हम सबके आगे चुप रहिए।
अजी चुप रहिए, हाँ चुप रहिए। हम उस धरती के लड़के हैं...

1. सूचनानुसार लिखिए: (2)

  1. ऐसी पंक्ति जिसमें पौराणिक संदर्भ है - ______
  2. ऐसी पंक्ति जिसमें ऐतिहासिक संदर्भ हो - ______

2. 'इतिहास हमें प्रेरणा देता है' विषय पर २५ से ३० शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0206] हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)
Concept: हम इस धरती की संतति हैं

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

नागर जी: लिखने से पहले तो मैंने पढ़ना शुरू किया था। आरंभ में कवियों को ही अधिक पढ़ता था। सनेही जी, अयोध्यासिंह उपाध्याय की कविताएँ ज्यादा पढ़ीं। छापे का अक्षर मेरा पहला मित्र था। घर में दो पत्रिकाएँ मँगाते थे मेरे पितामह। एक 'सरस्वती' और दूसरी 'गृहलक्ष्मी'। उस समय हमारे सामने प्रेमचंद का साहित्य था, कौशिक का था। आरंभ में बंकिम के उपन्यास पढ़े। शरतचंद्र को बाद में। प्रभातकुमार मुखोपाध्याय का कहानी संग्रह 'देशी और विलायती' १९३० के आसपास पढ़ा। उपन्यासों में बंकिम के उपन्यास १९३० में ही पढ़ डाले। 'आनंदमठ', 'देवी चौधरानी' और एक राजस्थानी थीम पर लिखा हुआ उपन्यास, उसी समय पढ़ा था।
तिवारी जी: क्या यही लेखक आपके लेखन के आदर्श रहे?
नागर जी: नहीं, कोई आदर्श नहीं। केवल आनंद था पढ़ने का। सबसे पहले कविता फूटी साइमन कमीशन के बहिष्कार के समय १९२८-१९२९ में। लाठीचार्ज हुआ था। इस अनुभव से ही पहली कविता फूटी- 'कब लाैं कहाैं लाठी खाय!' इसे ही लेखन का आरंभ मानिए।

1. नाम लिखिए: (2)


1. ______ 1. ______
2. ______ 2. ______

2. लिखिए: (2)

  1. लेखक का पहला मित्र – ______
  2. लेखक की पहली कविता – ______

3. गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए: (2)

  1. प्रत्यययुक्त शब्द:
    i. ______
    ii. ______
  2. ऐसे दो शब्द जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता:
  1. ______
  2. ______

4. 'पढ़ोगे तो बढ़ोगे' विषय पर २५ ते ३० शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.0209] जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
Concept: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

रात का समय था। बुद्धिराम के द्वार पर शहनाई बज रही थी और गाँव के बच्चों का झुंड विस्मयपूर्ण नेत्रों से गाने का रसास्वादन कर रहा था। चारपाइयों पर मेहमान विश्राम कर रहे थे। दो-एक अंग्रेजी पढ़े हुए नवयुवक इन व्यवहारों से उदासीन थे। वे इस गँवार मंडली में बोलना अथवा सम्मिलित होना अपनी प्रतिष्ठा के प्रतिकूल समझते थे।

आज बुद्धिराम के बड़े लड़के मुखराम का तिलक आया था। यह उसी का उत्सव था। घर के भीतर स्त्रियाँ गा रही थीं और रूपा मेहमानों के लिए भोजन के प्रबंध में व्यस्त थी। भट्टियों पर कड़ाह चढ़ रहे थे। एक में पूड़ियाँ-कचौड़ियाँ निकल रही थीं, दूसरे में अन्य पकवान बन रहे थे। एक बड़े हंडे में मसालेदार तरकारी पक रही थीं। घी और मसाले की क्षुधावर्धक सुगंध चारों ओर फैली हुई थी।

(1) एक-दो शब्दों में उत्तर लिखिए: (2)

  1. इसका तिलक आया था -
  2. द्वार पर बज रही थी -
  3. बड़े हंडे में पक रही थी -
  4. चारपाइयों पर विश्राम कर रहे थे -

(2) ‘सांस्कृतिक परंपरा के संवर्धन में हमारा योगदान’ इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.021] बूढ़ी काकी (पूरक पठन)
Concept: बूढ़ी काकी

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

रात का समय था। बुद्‌धिराम के द्‌वार पर शहनाई बज रही थी और गाँव के बच्चों का झुंड विस्‍मयपूर्ण नेत्रों से गाने का रसास्‍वादन कर रहा था। चारपाइयों पर मेहमान विश्राम कर रहे थे। दो-एक अंग्रेजी पढ़े हुए नवयुवक इन व्यवहारों से उदासीन थे। वे इस गँवार मंडली में बोलना अथवा सम्‍मिलित होना अपनी प्रतिष्‍ठा के प्रतिकूल समझते थे।

आज बुद्‌धिराम के बड़े लड़के मुखराम का तिलक आया था। यह उसी का उत्‍सव था। घर के भीतर स्‍त्रियाँ गा रही थीं और रूपा मेहमानों के लिए भोजन के प्रबंध में व्यस्‍त थी। भट्‌ठियों पर कड़ाह चढ़ रहे थे। एक में पूड़ियाँ-कचौड़ियाँ निकल रही थीं, दूसरे में अन्य पकवान बन रहे थे। एक बड़े हंडे में मसालेदार तरकारी पक रही थी। घी और मसाले की क्षुधावर्धक सुगंध चारों ओर फैली हुई थी।

(1) उत्तर लिखिए: (2)

मुखराम के तिलक उत्सव की तैयारियाँ:

  1. ______
  2. ______

(2) ‘उत्सवों का बदलता स्वरूप’ अपने विचार लिखिए। (2)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.021] बूढ़ी काकी (पूरक पठन)
Concept: बूढ़ी काकी

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

रूपा उस समय कार्य भार से उद्‌विग्‍न हो रही थी। कभी इस कोठे में जाती, कभी उस कोठे में, कभी कड़ाह के पास आती, कभी भंडार में जाती। किसी ने बाहर से आकर कहा- ‘महाराज ठंडाई माँग रहे हैं।’ ठंडाई देने लगी। आदमी ने आकर पूछा- ‘अभी भोजन तैयार होने में कितना विलंब है? जरा ढोल-मंजीरा उतार दो।’ बेचारी अकेली स्‍त्री दौड़ते-दौड़ते व्याकुल हो रही थी, झुँझलाती थी, कुढ़ती थी, परंतु क्रोध प्रकट करने का अवसर न पाती थी। भय होता, कहीं पड़ोसिनें यह न कहने लगें कि इतने में उबल पड़ीं। प्यास से स्‍वयं कंठ सूख रहा था। गरमी के मारे फुँकी जाती थी परंतु इतना अवकाश भी नहीं था कि जरा पानी पी ले अथवा पंखा लेकर झले। यह भी खटका था कि जरा आँख हटी और चीजों की लूट मची।
  1. संजाल पूर्ण कीजिए:      [2]

  2. ‘कर्तव्यनिष्ठा और कार्यपूर्ति’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।      [2]
Appears in 1 question paper
Chapter: [0.021] बूढ़ी काकी (पूरक पठन)
Concept: बूढ़ी काकी

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:

मुद्दे समता की ओर
(1) रचनाकार का नाम  
(2) रचना की विधा  
(3) पसंद की पंक्तियाँ  
(4) पंक्तियाँ पसंद होने का कारण  
(5) रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा  
Appears in 1 question paper
Chapter: [0.021099999999999997] समता की ओर
Concept: समता की ओर

निम्‍नलिखित वाक्‍यों में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कर वाक्‍य पुनः लिखिए:

ओह कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.03] व्याकरण विभाग (भाषा अध्ययन)
Concept: विरामचिह्न

निम्‍नलिखित वाक्‍य में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कर वाक्‍य पुनः लिखिए:

केवल टीका नथुनी और बिछिया रख लिए थे

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.03] व्याकरण विभाग (भाषा अध्ययन)
Concept: विरामचिह्न

निम्नलिखित वाक्य में सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए:

सातों तारे मंद पड़े। (अपूर्ण वर्तमानकाल)

Appears in 1 question paper
Chapter: [0.03] व्याकरण विभाग (भाषा अध्ययन)
Concept: क्रिया के काल (काल परिवर्तन)
< prev  41 to 60 of 226  next > 
Advertisements
Advertisements
Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Important Questions
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] English (Second/Third Language)
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Geography [भूगोल]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Hindi (Second/Third Language) [हिंदी (दूसरी/तीसरी भाषा)]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Hindi - Composite [हिंदी - संयुक्त]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] History and Political Science [इतिहास व राज्यशास्त्र]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Marathi [मराठी]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Mathematics 1 - Algebra [गणित १ - बीजगणित]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - भूमिती]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Sanskrit (Second Language) [संस्कृत (द्वितीय भाषा)]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Sanskrit - Composite [संस्कृत - संयुक्त (द्वितीय भाषा)]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Science and Technology 1 [विज्ञान आणि तंत्रज्ञान १]
Important Questions for Maharashtra State Board SSC (Marathi Medium) 10th Standard Board Exam [इयत्ता १० वी] Science and Technology 2 [विज्ञान आणि तंत्रज्ञान २]
Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×