Advertisements
Advertisements
प्रश्न
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
गन्तुम् | = | ______ | + | ______ |
उत्तर
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
गन्तुम् | = | गम् | + | तुमुन् |
APPEARS IN
संबंधित प्रश्न
व्याधस्य नाम किम् आसीत्?
चञ्चल: व्याघ्रं कुत्र दृष्टवान्?
कस्मै किमपि अकार्यं न भवति।
चञ्चलः ‘मातृस्वसः!’ इति कां सम्बोधितवान्?
जाले पुनः बद्धं व्याघ्रं दृष्ट्वा व्याध: किम् अकरोत्?
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का | कं/कां | |
कल्याणं भवतु ते। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति
कः/का | कं/कां | |
अहं त्वत्कृते धर्मम् आचरितवान् त्वया मिथ्या भणितम्। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का | कं/कां | |
यत्र कुत्रापि छेदनं कुर्वन्ति। | ______ | ______ |
रेखांकित पदमाधृत्य प्रश्ननिर्माण–
व्याघ्रः नद्याः जलेन व्याधस्य पिपासामशमयत्।
यथानिर्देशमुत्तरत–
सा सहसा चञ्चलमुपसृत्य कथयति – वाक्यात् एकम् अव्ययपदं चित्वा लिखत।
यथानिर्देशमुत्तरत–
‘का वार्ता? माम् अपि विज्ञापय’ – अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं किम्? क्रियापदस्य पदपरिचयमपि लिखतः।
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-मातृ (प्रथमा) | माता | मातरौ | मातरः |
स्वसृ (प्रथमा) | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-स्वसृ (षष्ठी) | स्वसुः | स्वस्रो: | स्वसणाम् |
मातृ (षष्ठी) | ______ | ______ | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
द्रष्टुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
पातुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
खादितुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
कृत्वा | = | ______ | + | ______ |
सर्वः किं समीहते?