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प्रश्न
सर्वः किं समीहते?
उत्तर
स्वार्थम्।
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अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का | कं/कां | |
जनाः मयि स्नानं कुर्वन्ति। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति
कः/का | कं/कां | |
अहं त्वत्कृते धर्मम् आचरितवान् त्वया मिथ्या भणितम्। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः/का कं/कां प्रति कथयति-
कः/का | कं/कां | |
सम्प्रति पुनः पुनः कूर्दनं कृत्वा दर्शय। | ______ | ______ |
रेखांकित पदमाधृत्य प्रश्ननिर्माण–
व्याघ्रः नद्याः जलेन व्याधस्य पिपासामशमयत्।
यथानिर्देशमुत्तरत–
सर्वः स्वार्थं समीहते’, अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं किम्?
यथानिर्देशमुत्तरत–
सा सहसा चञ्चलमुपसृत्य कथयति – वाक्यात् एकम् अव्ययपदं चित्वा लिखत।
यथानिर्देशमुत्तरत–
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उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-मातृ (प्रथमा) | माता | मातरौ | मातरः |
स्वसृ (प्रथमा) | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-स्वसृ (सप्तमी) | स्वसरि | स्वस्रो: | स्वसृषु |
मातृ (सप्तमी) | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत–
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
यथा-स्वसृ (षष्ठी) | स्वसुः | स्वस्रो: | स्वसणाम् |
मातृ (षष्ठी) | ______ | ______ | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
द्रष्टुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
करणीय | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
पातुम् | = | ______ | + | ______ |
धातुं प्रत्ययं च लिखत–
पदानि | = | धातुः | + | प्रत्ययः |
कृत्वा | = | ______ | + | ______ |