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किन अर्थों में नगरीय उच्च जातियों के लिए जाति अपेक्षाकृत ‘अदृश्य’ हो गई? - Sociology (समाजशास्त्र)

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प्रश्न

किन अर्थों में नगरीय उच्च जातियों के लिए जाति अपेक्षाकृत ‘अदृश्य’ हो गई?

दीर्घउत्तर

उत्तर

जाति व्यवस्था में परिवर्तन का सर्वाधिक लाभ शहरी मध्यम वर्ग तथा उच्च वर्ग को मिला। जातिगत अवस्था के कारण इन वर्गों को भरपूर आर्थिक तथा शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध हुए तथा तीव्र विकास का लाभ भी उन्होंने पूरा-पूरा उठाया। विशेष तौर से ऊँची जातियों के अभिजात्य लोग आर्थिक सहायता प्राप्त सार्वजनिक शिक्षा, विशेष रूप से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा तथा प्रबंधन के क्षेत्र में, व्यावसायिक शिक्षा से लाभान्वित होने में सफल हुए। इसके साथ ही, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के प्रारंभिक दशकों में राजकीय क्षेत्र की नौकरियों में हुए विस्तार को भी लाभ उठाने में सफल रहे। समाज की अन्य जातियों की तुलना में उनकी उच्च शैक्षणिक स्थिति ने उनकी एक विशेषाधिकार वाली स्थिति प्रदान की। अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की जातियों के लिए यह परिवर्तन नुकसानदेह साबित हुआ। इससे जाति और अधिक स्पष्ट हो गई। उन्हें विरासत में कोई शैक्षणिक तथा सामाजिक थाती नहीं मिली थी तथा उन्हें पूर्व स्थापित उच्च जातियों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही थी। वे अपनी जातीय पहचान को नहीं छोड़ सकते हैं। वे कई प्रकार के भेदभाव के शिकार हैं।

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जाति एवं जाति व्यवस्था
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अध्याय 3: सामाजिक संस्थाएँ : निरंतरता एवं परिवर्तन - प्रश्नावली [पृष्ठ ६३]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Sociology [Hindi] Class 12
अध्याय 3 सामाजिक संस्थाएँ : निरंतरता एवं परिवर्तन
प्रश्नावली | Q 4. | पृष्ठ ६३
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