Advertisements
Advertisements
प्रश्न
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्ति: | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | भानु: | भानू | ______ |
उत्तर
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | भानुः | भानू | भानवः |
APPEARS IN
संबंधित प्रश्न
पाठे दत्तं गीतं सस्वरं गायत।
कोष्ठकान्तर्गतेषु शब्देषु तृतीया-विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत–
सा ______ जलेन मुखं प्रक्षालयति। (विमल)
कोष्ठकान्तर्गतेषु शब्देषु तृतीया-विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत–
कण्ठः ______ शोभते।
कोष्ठकान्तर्गतेषु शब्देषु तृतीया-विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत–
पर्वतशिखरम् ______ आकर्षकं दृश्यते। (अम्बुदमाला)
भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत–
भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत–
भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत–
भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत–
के वायुयानं रचयन्ति ?
वायुयानं कं–कं क्रान्त्वा उपरि गच्छति ?
वयं कीदृशं सोपानं रचयाम ?
वयं कस्मिन् लोके प्रविशाम?
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
तृतीया | ______ | पशुभ्याम् | ______ |
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
चतुर्थी | साधवे | ______ | ______ |
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
पञ्चमी | वटोः | ______ | ______ |
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
षष्ठी | गुरोः | ______ | ______ |
समुचितै: पदै: रिक्तस्थनानि पूरयत–
विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
सम्बोधन | हे विष्णो | ______ | ______ |
पर्याय–पदानि योजयत–
गगने | जलद: |
विमले | निशाकर: |
चन्द्र: | आकाशे |
सूर्य: | निर्मले |
अम्बुद: | दिवाकर: |