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बारहमासा का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए। - Hindi (Elective)

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Question

बारहमासा का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।

Answer in Brief

Solution

मलिक मुहम्मद जायसी की काव्य रचना 'पद्मावत' से बारहमासा के अंश में नायिका पर अगहन मास और फागुन मास के प्रभाव का वर्णन है। इन मासों में नागमती की विरह दशा का मार्मिक चित्रण किया गया है। अगहन में नायिका नागमती विरहाग्नि में जलती है तथा भँवरे और काग के समक्ष अपनी दशा का उल्लेख करती है। पसू मास में नायिका शीत के कारण काँपती प्रतीत होती है। शीत उसके शरीर को कँपाता है तो विरह उसके हृदय को। इसमें चकई और कोकिला से नायिका के विरह की तलुना की गई है। नायिका विरह में शंख के समान हो गई है। माघ महीने में जाड़े से हुई नागमती की विरह-दशा का मार्मिक वर्णन है। वर्षा का होना तथा पवन का बढ़ना नायिका के वि रह को बढ़ा हता है। फागुन मास में चलने वाले पवन झकोरे शीत को चौगुना बढ़ा रहे हैं। सभी फाग खेलने में मस्त हैं पर नायिका विरह-ताप के कारण संतप्त है।

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बारहमासा
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2021-2022 (April) Term 2 Sample

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निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-

पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग।सो धनि बिरहें जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग।


निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
रकत ढरा माँसू गरा, हाड़ भए सब संख।धिन सारस होई ररि मुई, आइ समेटहु पंख।


निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-

तुम्ह बिनु कंता धनि हरुई, तन तिनुवर भा डोल।
तेहि पर बिरह जराई कै, चहै उड़ावा झोल।।


निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
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माघ के मास में विरहिणी के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।


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