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कवि किसकी हँसी नहीं उड़ाना चाहता है और क्यों? - Hindi Course - A

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Question

कवि किसकी हँसी नहीं उड़ाना चाहता है और क्यों?

One Line Answer

Solution

कवि ने अपना जीवन अत्यंत सरलता से जीया है। इस अत्यधिक सरलता के कारण उसे अपनों के छल-कपट और प्रवंचना का शिकार होना पड़ा है। इस पर भी कवि अपनी इस सरलता का उपहास नहीं उड़ाना चाहता है भले ही यही सरलता उसके अनेक कष्टों का कारण रही है।

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आत्मकथ्य
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Chapter 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य - अतिरिक्त प्रश्न

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NCERT Hindi - Kshitij Part 2 Class 10
Chapter 4 जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य
अतिरिक्त प्रश्न | Q 6

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भाव स्पष्ट कीजिए -

जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।

अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।


कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है?


कोई भी अपनी आत्मकथा लिख सकता है। उसके लिए विशिष्ट या बड़ा होना जरूरी नहीं। हरियाणा राज्य के गुड़गाँव में घरेलू सहायिका के रुप में काम करने वाली बेबी हालदार की आत्मकथा बहुतों के द्वारा सराही गई। आत्मकथात्मक शैली में अपने बारे में कुछ लिखिए।


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कवि ने अपने जीवन की उज्ज्वल गाथा किसे कहा है?


कवि के लिए सुख दिवास्वप्न बनकर रह गए, स्पष्ट कीजिए।


‘अनुरागिनी उषा लेती थी, जिन सुहाग मधुमाया, में’ के आलोक में कवि ने अपनी पत्नी के विषय में क्या कहना चाहता है?


'आत्मकथ्य' से उद्धृत निम्नलिखित काव्य-पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए -

“उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।”


पद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए -

'आत्मकथ्य' में कवि आत्मकथा न लिखने के लिए जिन तर्कों का सहारा ले रहा है उनमें से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।


पद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए -

'कथा के सीवन को उधेड़ने' का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि के लिए आत्मकथा लिखना सीवन उधेड़ने जैसा क्यों है?


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