English

NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 chapter 4 - जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य [Latest edition]

Advertisements

Chapters

    1: सूरदास - पद

    2: तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

    3: देव - सवैया और कवित्त

▶ 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य

    5: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है

    6: नागार्जुन - यह दंतुरहित मुस्कान और फसल

    7: गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना

    8: ऋतुराज - कन्यादान

    9: मंगलेश डबराल - संगतकार

    10: स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा

    11: रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत

    12: यशपाल - लखनवी अंदाज़

    13: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक

    14: मन्नू भंडारी - एक कहानी यह भी

    15: महावीरप्रसाद द्विवेदी - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन

    16: यतींद्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत

    17: भदंत आनंद कौसल्यायन - संस्कृति

NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 chapter 4 - जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य - Shaalaa.com
Advertisements

Solutions for Chapter 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य

Below listed, you can find solutions for Chapter 4 of CBSE NCERT for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10.


प्रश्न-अभ्यासअतिरिक्त प्रश्न
प्रश्न-अभ्यास [Page 29]

NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 4 जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य प्रश्न-अभ्यास [Page 29]

प्रश्न-अभ्यास | Q 1 | Page 29

कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?

प्रश्न-अभ्यास | Q 2 | Page 29

आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है?

प्रश्न-अभ्यास | Q 3 | Page 29

स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है?

प्रश्न-अभ्यास | Q 4.1 | Page 29

भाव स्पष्ट कीजिए -

मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।

आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।

प्रश्न-अभ्यास | Q 4.2 | Page 29

भाव स्पष्ट कीजिए -

जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।

अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।

प्रश्न-अभ्यास | Q 5 | Page 29

'उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की' - कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

प्रश्न-अभ्यास | Q 6 | Page 29

'आत्मकथ्य' कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।

प्रश्न-अभ्यास | Q 7 | Page 29

कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है?

प्रश्न-अभ्यास | Q 8 | Page 29

इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

प्रश्न-अभ्यास | Q 9 | Page 29

आप किन व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे और क्यों?

प्रश्न-अभ्यास | Q 10 | Page 29

कोई भी अपनी आत्मकथा लिख सकता है। उसके लिए विशिष्ट या बड़ा होना जरूरी नहीं। हरियाणा राज्य के गुड़गाँव में घरेलू सहायिका के रुप में काम करने वाली बेबी हालदार की आत्मकथा बहुतों के द्वारा सराही गई। आत्मकथात्मक शैली में अपने बारे में कुछ लिखिए।

अतिरिक्त प्रश्न

NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 4 जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य अतिरिक्त प्रश्न

अतिरिक्त प्रश्न | Q 1

‘मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ’ किसका प्रतीक हैं? ये किसका बोध करा रही हैं?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 2

‘असंख्य जीवन-इतिहास’ कहकर कवि किस ओर संकेत करना चाहता है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 3

कवि के मित्र उससे क्या आग्रह कर रहे थे? वह इस आग्रह को पूरा क्यों नहीं करना चाहता था?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 4

कवि को अपनी गागर रीती क्यों लगती है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 5

‘तुम ही खाली करने वाले’ के माध्यम से कवि किनसे, क्या कहना चाहता है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 6

कवि किसकी हँसी नहीं उड़ाना चाहता है और क्यों?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 7

उन तथ्यों का उल्लेख कीजिए जिनका उल्लेख कवि अपनी आत्मकथा में नहीं करना चाहता है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 8

कवि ने अपने जीवन की उज्ज्वल गाथा किसे कहा है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 9

कवि के लिए सुख दिवास्वप्न बनकर रह गए, स्पष्ट कीजिए।

अतिरिक्त प्रश्न | Q 10

‘अनुरागिनी उषा लेती थी, जिन सुहाग मधुमाया, में’ के आलोक में कवि ने अपनी पत्नी के विषय में क्या कहना चाहता है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 11

कवि ने अपनी तुलना किससे की है? उसके जीवन का पाथेय क्या है?

अतिरिक्त प्रश्न | Q 12

‘आत्मकथ्य’ कविता के माध्यम से ‘प्रसाद’ जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, वह उनकी ईमानदारी और साहस का प्रमाण है, स्पष्ट कीजिए।

Solutions for 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य

प्रश्न-अभ्यासअतिरिक्त प्रश्न
NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 chapter 4 - जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य - Shaalaa.com

NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 chapter 4 - जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य

Shaalaa.com has the CBSE Mathematics Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 CBSE solutions in a manner that help students grasp basic concepts better and faster. The detailed, step-by-step solutions will help you understand the concepts better and clarify any confusion. NCERT solutions for Mathematics Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 CBSE 4 (जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य) include all questions with answers and detailed explanations. This will clear students' doubts about questions and improve their application skills while preparing for board exams.

Further, we at Shaalaa.com provide such solutions so students can prepare for written exams. NCERT textbook solutions can be a core help for self-study and provide excellent self-help guidance for students.

Concepts covered in Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 chapter 4 जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य are विज्ञापन लेखन, संदेश लेखन, कहानी लेखन, पत्रलेखन, पक्ष - विपक्ष, निबंध लेखन, उपयोजित / रचनात्मक लेखन (लेखन कौशल), अनुच्छेद लेखन, ई-मेल लेखन, जयशंकर प्रसाद, आत्मकथ्य, शब्‍द भेद, क्रियाविशेषण अव्यय, क्रियापद, समुच्चयबोधक अव्यय, मुहावरे और कहावतें, शब्‍द संपदा, व्याकरण, अनेक शब्‍दों के लिए एक शब्द, समास, वाक्‍य के भेद, वाच्य और वाच्य के भेद, अलंकार, निपात शब्द, पद परिचय, अपठित गद्यांश, अपठित पद्यांश.

Using NCERT Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 solutions जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य exercise by students is an easy way to prepare for the exams, as they involve solutions arranged chapter-wise and also page-wise. The questions involved in NCERT Solutions are essential questions that can be asked in the final exam. Maximum CBSE Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 students prefer NCERT Textbook Solutions to score more in exams.

Get the free view of Chapter 4, जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 additional questions for Mathematics Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 CBSE, and you can use Shaalaa.com to keep it handy for your exam preparation.

Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×