Advertisements
Advertisements
Question
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है?
Solution
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे वह अपनी प्रेयसी नायिका के माध्यम से व्यक्त करता है और कहता है कि नायिका स्वप्न में उसके पास आते-जाते मुस्कुरा कर भाग गई। अत: उसे उसका सुख नहीं मिल सका जिसे वह सुख समझता था वह स्वप्न रुपी छलावा थी। जो अस्थाई रुप से उसके जीवन में आई थी।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में 'अभी समय भी नहीं' कवि ऐसा क्यों कहता है?
भाव स्पष्ट कीजिए -
मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
भाव स्पष्ट कीजिए -
जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
'उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की' - कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
‘मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ’ किसका प्रतीक हैं? ये किसका बोध करा रही हैं?
‘असंख्य जीवन-इतिहास’ कहकर कवि किस ओर संकेत करना चाहता है?
कवि के मित्र उससे क्या आग्रह कर रहे थे? वह इस आग्रह को पूरा क्यों नहीं करना चाहता था?
‘तुम ही खाली करने वाले’ के माध्यम से कवि किनसे, क्या कहना चाहता है?
उन तथ्यों का उल्लेख कीजिए जिनका उल्लेख कवि अपनी आत्मकथा में नहीं करना चाहता है?
कवि के लिए सुख दिवास्वप्न बनकर रह गए, स्पष्ट कीजिए।
कवि ने अपनी तुलना किससे की है? उसके जीवन का पाथेय क्या है?
‘आत्मकथ्य’ कविता के माध्यम से ‘प्रसाद’ जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, वह उनकी ईमानदारी और साहस का प्रमाण है, स्पष्ट कीजिए।
'आत्मकथ्य' से उद्धृत निम्नलिखित काव्य-पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए -
“उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।”
पद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए -
'आत्मकथ्य' में कवि आत्मकथा न लिखने के लिए जिन तर्कों का सहारा ले रहा है उनमें से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
पद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:
इस वर्ष पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन-सी कविता है जिसमें आत्मकथा लेखन के विषय में कवि ने अपनी राय व्यक्त की है? आत्मकथा के विषय में कवि के विचारों में से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
पद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए -
'कथा के सीवन को उधेड़ने' का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि के लिए आत्मकथा लिखना सीवन उधेड़ने जैसा क्यों है?