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कॉलम I में दी गई अभिक्रियाओं को कॉलम II में दिए गए अभिक्रिया के प्रकारों से सुमेलित कीजिए। कॉलम I कॉलम II (a) नाभिकरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन (b) इलेक्ट्रॉनरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन - Chemistry (रसायन विज्ञान)

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Question

कॉलम I में दी गई अभिक्रियाओं को कॉलम II में दिए गए अभिक्रिया के प्रकारों से सुमेलित कीजिए।

  कॉलम I कॉलम II
(i) (a) नाभिकरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन
(ii) \[\begin{array}{cc}
\ce{CH3 - CH = CH2 + HBr -> CH3 - CH - CH3}\\
\phantom{............................}|\phantom{}\\
\phantom{.............................}\ce{Br}\phantom{}
\end{array}\]
(b) इलेक्ट्रॉनरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन
(iii) (c) सेत्जेफ निराकरण
(iv) (d) इलेक्ट्रॉनरागी योगज
(v) \[\begin{array}{cc}
\ce{CH3  CH2 CH CH3 ->[{ऐल्कोहॉली KOH}] CH3  CH = CH CH3}\\
\phantom{}|\phantom{..........................}\\
\phantom{}\ce{Br}\phantom{.........................}
\end{array}\]
(e) नाभिकरागी प्रतिस्थापन (SN1)
Match the Columns

Solution

  कॉलम I कॉलम II
(i) (b) इलेक्ट्रॉनरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन
(ii) \[\begin{array}{cc}
\ce{CH3 - CH = CH2 + HBr -> CH3 - CH - CH3}\\
\phantom{............................}|\phantom{}\\
\phantom{.............................}\ce{Br}\phantom{}
\end{array}\]
(d) इलेक्ट्रॉनरागी योगज
(iii) (e) नाभिकरागी प्रतिस्थापन (SN1)
(iv) (a) नाभिकरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन
(v) \[\begin{array}{cc}
\ce{CH3  CH2 CH CH3 ->[{ऐल्कोहॉली KOH}] CH3  CH = CH CH3}\\
\phantom{}|\phantom{..........................}\\
\phantom{}\ce{Br}\phantom{.........................}
\end{array}\]
(c) सेत्जेफ निराकरण

स्पष्टीकरण:

  1. इस प्रतिक्रिया में, एक इलेक्ट्रॉनरागी CF बेन्जीन वलय पर आक्रमण करता है और प्रतिस्थापन होता है।
  2. इस अभिक्रिया में, मार्कोनिकॉफ के नियम के अनुसार प्रोपेन के द्विबंधित कार्बन में HBr का योग होता है और इलेक्ट्रॉनरागी योगज होता है।
  3. इस अभिक्रिया में अभिकारक द्वितीयक हैलाइड होता है। यहाँ, हैलोजन परमाणु को हाइड्रॉक्सिल आयन द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। चूँकि यह द्वितीयक हैलाइड है इसलिए यह SN1 तंत्र का अनुसरण करता है।
  4. इस अभिक्रिया में हैलोजन परमाणु सीधे ऐरोमैटिक वलय से बंध जाता है। तो, यह नाभिकरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन है क्योंकि OH समूह ने दिए गए यौगिक के हैलोजन को प्रतिस्थापित किया है।
  5. यह एक विलोपन अभिक्रिया है। यह सेत्जेफ विलोपन अभिक्रिया का पालन करता है।
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रासायनिक अभिक्रियाएँ
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Chapter 10: हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन - अभ्यास [Page 155]

APPEARS IN

NCERT Exemplar Chemistry [Hindi] Class 12
Chapter 10 हैलोऐल्केन तथा हैलोऐरीन
अभ्यास | Q IV. 82. | Page 155

RELATED QUESTIONS

निम्नलिखित में से कौन-सा ऐल्किल हैलाइड सर्वाधिक आसानी से SN1 अभिक्रिया देगा?


सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ C6H5CH2Br की अभिक्रिया ______ अग्रसारित होती है।


निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया में अभिक्रिया दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

(a)
(b)
(c)

निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया में अभिक्रिया दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

(a)
(b)
(c)

निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया में अभिक्रिया दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

(a)
(b)
(c)

निम्नलिखित कथनों में से कौन-से कथन उपरोक्त अभिक्रिया के लिए सही हैं?

(i) अभिक्रिया SN2 क्रियाविधि का अनुसरण करती है।

(ii) (b) और (d) का विन्यास एक दूसरे के विपरीत है।

(iii) (b) और (d) का विन्यास समान है।

(iv) अभिक्रिया SN1 क्रियाविधि का अनुसरण करती है।


इस अभिक्रिया की गतिकी के लिए कौन-से कथन सही हैं?

(i) अभिक्रिया की दर केवल (b) की सांद्रता पर निर्भर करती है।

(ii) अभिक्रिया की दर (a) और (b) दोनों की सांद्रता पर निर्भर करती है।

(iii) अभिक्रिया की आण्विकता एक है।

(iv) अभिक्रिया की आण्विकता दो है।


एथिलीन क्लोराइड एवं एथिलिडीन क्लोराइड समावयव हैं। इनके विषय में सही कथन पहचानिए।

(i) ऐल्कोहॉली KOH से अभिक्रिया में दोनों यौगिक एक ही उत्पाद् बनाते हैं।

(ii) जलीय NaOH के साथ अभिक्रिया में दोनों यौगिक एक ही उत्पाद् बनाते हैं।

(iii) दोनों यौगिक अपचयन से एक ही उत्पाद् बनाते हैं।

(iv) दोनों यौगिक ध्रुवण घूर्णक हैं।


निम्नलिखित यौगिकों में से कौन-सा यौगिक SN1 अभिक्रिया में OH आयन से अधिक तेजी से अभिक्रिया करेगा?

\[\ce{CH3-CH2-Cl}\] अथवा \[\ce{C6H5-CH2-Cl}\]


हैलोऐरीन, हैलोऐल्केन और हैलोऐल्कीन से कम क्रियाशील होती हैं। समीक्षा कीजिए।


C4H9Br अणुसूत्र के यौगिक ‘क’ को KOH के जलीय विलयन से अभिकृत किया गया। इस अभिक्रिया की दर केवल यौगिक 'क' की सांद्रता पर निर्भर करती है। जब इस यौगिक के दूसरे ध्रुवण घूर्णक समावयव ‘ख’ को KOH के जलीय विलयन से अभिकत किया गया तो अभिक्रिया दर यौगिक और KOH दोनों की सांद्रता पर निर्भय पाई गई।

  1. दोनों यौगिकों ‘क’ और ‘ख’ संरचना सूत्र लिखिए।
  2. इन दोनों यौगिकों में से कौन-सा प्रतीपित विन्यास के उत्पाद में परिवर्तित होगा।

ऐरिल हैलाइड नाभिकरागी प्रतिस्थापन के प्रति अत्यंत कम क्रियाशील होते हैं। निम्नलिखित यौगिकों की नाभिकरागी प्रतिस्थापन के प्रति अभिक्रियाशीलता का क्रम लिखिए और विवेचना कीजिए।

(I) (II) (III)

tert-ब्यूटिलब्रोमाइड जलीय NaOH के साथ SN1 क्रियाविधि से अभिक्रिया करता है, जबकि n-ब्यूटिलब्रोमाइड SN2 क्रियाविधि द्वारा अभिक्रिया करता है। क्यों?


अभिकथन - KCN मेथिल क्लोराइड से अभिक्रिया करके मेथिल आइसोसायनाइड देता है।

तर्क - ​CN एक उभदंती नाभिकरागी है।


अभिकथन - ऑर्थो और पैरा स्थितियों पर नाइट्रो समूह की उपस्थिति हैलोऐरीनों की नाभिकरागी प्रतिस्थापन के प्रति क्रियाशीलता बढ़ा देती है।

तर्क - नाइट्रो समूह इलेक्ट्रॉन अपनयक समूह होने के कारण बेन्ज़ीन वलय पर इलेक्ट्रॉन का घनत्व कम कर देता है।


अभिकथन - मोनोहैलोएरीनों में अगला इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन ऑर्थो और पैरा स्थितियों पर होता है।

तर्क - हैलोजन परमाणु वलय को निष्क्रिय करता है।


क्षारों के साथ कुछ ऐल्किलहैलाइड प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ देते हैं जबकि कुछ निराकरण अभिक्रियाएँ। उदाहरणों की सहायता से ऐल्किल हैलाइडों के उन संरचनात्मक गुणों की विवेचना कीजिए जो इस अंतर का कारण हैं।


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