English

प्रथम सवैये के आधार पर बताइए कि प्राण पहले कैसे पल रहे थे और अब क्यों दुखी हैं? - Hindi (Elective)

Advertisements
Advertisements

Question

प्रथम सवैये के आधार पर बताइए कि प्राण पहले कैसे पल रहे थे और अब क्यों दुखी हैं?

Answer in Brief

Solution

प्रथम सवैये के अनुसार संयोगावस्था में होने के कारण प्रेयसी कवि के पास ही थी। अतः उसे देखकर ही वह सुख पाता था और जीवित था। इसी कारण उसे बहुत संतोष था। उसकी प्रेमिका उसके साथ थी परन्तु अब स्थिति इसके विपरीत है। प्रेमिका ने उसका साथ नहीं दिया और उसे छोड़ दिया है। यह वियोगवस्था है। प्रेमिका की अनुपस्थिति उसे व्याकुल बना रही है। उसके प्राण उससे मिलने के लिए व्याकुल हुए जा रहे हैं। इस कारण वह दुख में है तथा कुछ भी सुहाता नहीं है।

shaalaa.com
सवैया
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 1.11: घनानंद (कवित्त/सवैया) - प्रश्न-अभ्यास [Page 67]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Antara Class 12
Chapter 1.11 घनानंद (कवित्त/सवैया)
प्रश्न-अभ्यास | Q 4. | Page 67

RELATED QUESTIONS

कवि ने 'श्रीबज्रदूलह' किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें ससांर रूपी मंदिर दीपक क्यों कहा है?


पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए जिनमें अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?


निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -

पाँयनि नूपुर मंजु बजैं, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।

साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई


श्रीकृष्ण के शरीर पर कौन-कौन से आभूषण मधुर ध्वनि उत्पन्न कर रहे हैं?


श्री कृष्ण का शरीर कैसा है? उसका सौंदर्य किस कारण बढ़ गया है?


श्रीकृष्ण के मुख की तुलना किससे की गई है और क्यों?


श्रीकृष्ण की तुलना किससे की गई है और क्यों?


निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
तब तौ छबि पीवत जीवत हे, अब सोचन लोचन जात जरे।


निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
सो घनआनंद जान अजान लौं टूक कियौ पर वाँचि न देख्यौ।


निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

तब हार पहार से लागत हे, अब बीच में आन पहार परे।


संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
तब तौ छबि पीवत जीवत हे, ______ बिललात महा दुःख दोष भरे।


संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
ऐसो हियो हित पत्र पवित्र ______ टूक कियौ पर बाँचि न देख्यौ।


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×