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Question
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
शाखा | तृतीया | शाखाया | शाखाभ्याम् | शाखाभिः |
रमा | ______ | ______ | ______ | ______ |
Solution
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
शाखा | तृतीया | शाखाया | शाखाभ्याम् | शाखाभिः |
रमा | तृतीया | रमया | रमाभ्याम् | रमाभिः |
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उचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
______ पृच्छन्ति।
मञ्जूषायाः उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
(पुत्रः आगच्छति।) | |
अमितः | मातः! अतीव बुभुक्षा बाधते माम्। किं भोजन सज्जम्? |
अम्बा | आम् पुत्र! ______ कुरु। |
अमितः | किं ______? |
अम्बा | तोरिका। |
अमितः | अहो बहिर्गन्तव्यम्। विलम्बः भवति। बुभुक्षा नास्ति। |
अम्बा | (हसन्ती) ‘तोरिका’ इति कथने ______ समाप्ता किम्? |
अमितः | (हसन्) एवं नास्ति मातः! |
अम्बा | तहिं ______ कुत्र खादिष्यसि? |
अमितः | न जानामि। |
अम्बा | तहिं आगच्छा। उष्णं शाकं ______ च खाद। |
अमितः | अस्तु, शीघ्रं खादित्वा। गच्छामि। |
रोटिका, शाकं रोटिकां च, बुभुक्षा, पक्वम्, भोजनम् |
उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत -
अङ्कर | अमित! मम ______ परितः हरिताः वृक्षाः सन्ति। (गृह) |
अमितः | अतिशोभनम्। मम ______ उभयतः अवकरगृहम् अस्ति। (गृह) |
अङ्कुरः | एतत् तु स्वास्थाय न उचितम्। |
अमितः | जानीमः वयम्। |
अङ्कुरः | ______ विना तु जीवनं नरकायते। (स्वास्थ्य) |
अमितः | धिक् एतादृशाः ______ ये इतस्ततः अवकर क्षिपन्ति। (जन) |
उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
तत्र ताः ______ कुर्वन्ति। (व्यायाम)
उदाहरणानुसारं लिखित –
शब्द: | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुचनम् |
जन | द्वितीया | जनम् | जनौ | जनान् |
मनुष्य | ______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखित –
शब्द: | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुचनम् |
जन | द्वितीया | जनम् | जनौ | जनान् |
पुरूष | ______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखित –
शब्द: | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुचनम् |
शाखा | द्वितीया | शाखाम् | शाखे | शाखाः |
जिव्हा | ______ | ______ | ______ | ______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
पुत्रः ______ सह गच्छति।
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
निरधन | तृतीया | निर्धनेन | निर्धनभ्याम् | निर्धनैः |
धनिक | ______ | ______ | ______ | ______ |
घटात् चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि चित्वा उचितकोष्ठके लिखत –
एकवचन | द्विवचनम | बहुवचनम |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा लिखत –
जनाः ______ किं किं न कुर्वन्ति।
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा लिखत –
कृषक : ______ सर्वत्र प्रसिद्धः अस्ति।
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
विद्या विवादाय धनं मदाय।
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय।
पंचमीविभक्तियुक्तपदं उदाहरणानुसारं चिह्नितं कुरुत –
यथा- काष्ठात् अग्निः जायते मध्यमानात्।
कोटः अपि सुमनः सङ्गात् आरोहित सतां शिरः।
पंचमीविभक्तियुक्तपदं उदाहरणानुसारं चिह्नितं कुरुत –
यथा- काष्ठात् अग्निः जायते मध्यमानात्।
विद्या ददाति विनय
विनयाद् याति पात्रताम्
पात्रत्वाद् धनमाप्नोति
धनाद् धर्मः ततः सुखम्।
उदाहरणानुसारं लिखत –
यथा-
नर | ||
नरस्य | नर्योः | नराणां |
वेद | ||
______ | ______ | ______ |
उदाहरणमनुसृत्य अधोलिखितान् कोष्ठकान् यथायोग्यपदैः पूरयत –
यथा- जन
जने | जन्योः | जनेषु |
आत्मन्
______ | ______ | ______ |
सप्तमीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
न कूपखनन युक्त
प्रदीप्ते वह्निना गृहे।