Advertisements
Advertisements
प्रश्न
सप्तमीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
सत्यमेवेश्वरो लोके
सत्ये धर्मः समाश्रितः।
उत्तर
उत्तर
APPEARS IN
संबंधित प्रश्न
उचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
______ वदतः
उदाहरणानुसारं सार्थक पदं लिखत –
वा | रः | न |
उदाहरणानुसारं शब्दरचनां कुरुत –
यथा-वानराः
उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
परस्परं ______ च कुर्वन्ति। (वार्तालाप)
उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत –
ताः पुष्पाणां ______ दृष्ट्वा प्रसीदन्ति (शोभा)
उदाहरणानुसारं लिखित –
शब्द: | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुचनम् |
पत्र | द्वितीया | पत्रम् | पत्रे | पत्राणि |
फल | ______ | ______ | ______ | ______ |
उचितपदेन रिक्तस्थानानि पूरयत –
गृहे आनन्दमयं वातावरण ______ भवति।
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
निरधन | तृतीया | निर्धनेन | निर्धनभ्याम् | निर्धनैः |
धनिक | ______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
शाखा | तृतीया | शाखाया | शाखाभ्याम् | शाखाभिः |
लता | ______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
शाखा | तृतीया | शाखाया | शाखाभ्याम् | शाखाभिः |
रमा | ______ | ______ | ______ | ______ |
अधोलिखितशब्दान् उदाहरणानुसारं लिखत –
श्रमिकः | ||
श्रमिकाय | श्रमिका | श्रमिकाभ्याम् |
जन: | ||
______ | ______ | ______ |
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
विद्या विवादाय धनं मदाय।
पंचमीविभक्तियुक्तपदं उदाहरणानुसारं चिह्नितं कुरुत –
यथा- काष्ठात् अग्निः जायते मध्यमानात्।
विद्या ददाति विनय
विनयाद् याति पात्रताम्
पात्रत्वाद् धनमाप्नोति
धनाद् धर्मः ततः सुखम्।
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
यथा- मित्रम् | पञ्चमी | मित्रम् | मित्राभ्याम् | मित्रेभ्यः |
गात्रम् | ______ | ______ | ______ | ______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
बालः ______ अङ्के उपविशति।
उदाहरणानुसारं लिखत –
नर | ||
नरस्य | नर्योः | नराणां |
नदी | ||
______ | ______ | ______ |
उदाहरणमनुसृत्य अधोलिखितान् कोष्ठकान् यथायोग्यपदैः पूरयत –
यथा- जन
जने | जन्योः | जनेषु |
नदी
______ | ______ | ______ |
सप्तमीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
परोक्षे कार्यहन्तारम्,
प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्ययेत् तादृशं मित्रम्,
विषकुम्भं पयोमुखम्॥
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
खलस्य साधोर्विपरीतमेतत् .