Advertisements
Advertisements
Question
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
पशुपतिः | ______ | ______ |
Solution
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
पशुपतिः | पशुनां पतिः | षष्ठी -तत्पुरुषः |
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
सङ्ख्याः अक्षै :/अङ्कंः लिखत ।
१४ - ______
मञ्जृषातः क्रियापदानि धातुसाधित-विशेषणानि च पृथक्कुरुत।
क्रियापदम् | धातुसाधित -विशेषणम् |
______ | ______ |
(मञ्जृषा- खादन्ति, पूजितः, मतुक्तः, लभते, भेतव्यम्)
पूर्वपदं लिखत ।
मृगोऽब्रवीत् = ______ + अब्रवीत्
सन्धिविग्रहं कुरुत।
अद्यैव ।
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
शुकसारिका: | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
प्रयागक्षेत्रम् | ______ | _____ |
प्रश्ननिर्माणं कुरुत।
सुगत एवाधिकतम मूल्यं मह्यं दद्यात् ।
सूचनानुसार कृती: कुरुत ।
अहं विस्तरेण पठितुम् इच्छामि । (वाक्यं लङ्लकारे परिवर्तयत ।)
क्रियापदतालिकां पूरयत
ए.व. | द्विव. | ब.व | पुरुष: | लकार : |
______ | ______ | अभाषध्वम् | मध्यमः | लङ् |
क्रियापदतालिकां पूरयत
ए.व. | द्विव. | ब.व | पुरुष: | लकार : |
मुज्चानि | ______ | ______ | उत्तमः | लोट् |
क्रियापद्तालिकां पूरयत
ए.व. | द्विव. | ब.व | पुरुष: | लकार : |
स्पृहयेत् | ______ | ______ | प्रथमः | विधिलिङ् |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
सविनयम् | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
मदान्धः | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहवाक्यम् | समासनाम |
दर्शनार्थम् | ______ | ______ |
सूचनानुसारं कृती: कुरुत ।
पत्रक्रीडायां मनः आसम् अहम् । (बहुवचने लिखत।)
नाम-तालिकापूर्ति कुरुत
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
______ | गृध्रौ | ______ | द्वितीया |
धातु-तालिकां पूरयत
लकारा : | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
लड् | ______ | ______ | अभवत् | प्रथमः |
सर्वनाम तालिकां पूरयत।
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
______ | ______ | ताः | प्रथमा |
सपासविग्रहं कुरुत ।
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
चरमबिन्दुः | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत ।
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
अनुत्तमानि | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
आयतलोचना | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
वनस्पतिगतः | ______ | ______ |
सन्धिविग्रहं कुरुत।
याचको वा = ______ + वा।
प्रश्ननिर्माणं कुरुत।
श्लोकेषु व्यवस्थापनशास्त्रस्य मूलतत्त्वानि निर्दिष्टानि ।
धातुसाधित-विशेषण-तालिकां पूरयत ।
धातुः | क्त | क्तवतु | कृत्याः | शसेव्यःतृ / शानच् |
सेव् (१ आ. प.) | सेवितः | सेवितवान् | ______ | ______ |
सन्धिविग्रहं कुरुत।
तृणैर्गुणत्वमापनर्बध्यन्ते - ______
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
समीपस्थः | ______ | ______ |
समासविग्रहं कुरुत
समस्तपदम् | विग्रहः | समासनाम |
अभ्युदयकृत् | ______ | ______ |
नामतालिकां पूरयत ।
एव् | द्विव | बव | विभक्तिः |
विद्युति | ______ | ______ | सप्तमी |
क्रियापद-तालिकां पूरयत।
एकवचनम् | द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
पुरुषः | लकारः |
______ | यच्छतः | ______ | परथमः | लट् |
सङ्ख्याः अङ्कैः लिखत ।
त्र्यशीतिः - ______।
सङ्ख्याः अङ्कैः लिखत ।
त्रिचत्वारिशत् - ______
सङ्ख्याः अक्षरैः लिखत।
७५
सङ्ख्याः अक्षरैः लिखत -
४८ - ______
लकारं लिखत ।
आत्मा कृतार्थतां लभताम् ।
मञ्जूषातः नामानि सर्वनामानि च पृथक्कुरुत।
नाम | सर्वनाम |
______ | ______ |
(मञ्जूषा - मम, राजा, सः, नदी, एतस्मिन्)
सूचनानुसारं कृती: कुरुत।
छात्र: लेखं लिखति। (अध्यापक:) (णिजन्तं कुरुत।)
सङ्ख्याः अक्षरैः लिखत।
९० - ______
मञ्जूषातः समानार्थकशब्दान् चित्वा लिखत।
मृगः = ______।