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'व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है।' परसाई जी की इस रचना को आधार बनाकर इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए। - Hindi (Elective)

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Question

'व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है।' परसाई जी की इस रचना को आधार बनाकर इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए।

Answer in Brief

Solution

यह बिलकुल सत्य है कि व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है। परसाई जी की 'टार्च बेचनेवाले' ऐसी ही एक रचना है। इसमें परसाई जी ने एक साधारण कहानी में दो स्थितियों में व्यंग्य का समावेश किया है। इसे पढ़कर पाठक हैरान और प्रसन्न हो जाता है। आज के समय में धर्म के नाम पर लोगों को ठगने का व्यापार हो रहा है। यह व्यापार बहुत फल-फूल भी रहा है। ऐसे में एक लेखक का कर्तव्य बनता है कि वह लोगों में इस विषय पर जागरूकता फैलाए। जागरूकता ऐसी होनी चाहिए जिसमें सच्चाई भी शामिल हो और लोगों की भावनाएँ आहत भी न हो । परसाई जी इस विधा के महारथी हैं। उन्हें एक ही बात को दो अलग-अलग लोगों के माध्यम से भाषा में ऐसा बोला है कि भाव बदलता नहीं है। बस स्थिति बदलती है। वह ऐसा धारदार हथियार बन जाता है कि लोग हैरान रह जाते हैं।

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टॉर्च बेचनेवाले
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Chapter 1.3: टार्च बेचनेवाले - प्रश्न-अभ्यास [Page 41]

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NCERT Hindi - Antar Class 11
Chapter 1.3 टार्च बेचनेवाले
प्रश्न-अभ्यास | Q 7. | Page 41

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