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प्रश्न
यदि आव्यूह AB = O, तब A = O या B = O या दोनों A और B शून्य आव्यूह हैं।
विकल्प
सत्य
असत्य
उत्तर
यह कथन असत्य है।
व्याख्या:
चूँकि किन्हीं दो अशून्य आव्यूहों A और B के लिए हमें AB = 0 प्राप्त हो सकता है।
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सिद्ध कीजिए यदि एक आव्यूह सममित तथा विषम सममित दोनों ही हो तो वह एक शून्य आव्यूह है।
आव्यूह A = `[(0, 0, 5),(0, 5, 0),(5, 0, 0)]` है।
यदि A और B समान कोटि के आव्यूह हैं तब (3A -2B)′ = ______
आव्यूहों का योग तभी परिभाषित है जब प्रत्येक की कोटि ______ है।
यदि एक आव्यूह में 28 अवयव हैं, तो इसकी संभव कोटियाँ क्या हैं? यदि इसमें 13 अवयव हों तो कोटियाँ क्या होंगी?
यदि आव्यूह A = `[("a", 1, x),(2, sqrt(3), x^2 - y),(0, 5, (-2)/5)]`, तो A की कोटि लिखिए।
यदि आव्यूह A = `[("a", 1, x),(2, sqrt(3), x^2 - y),(0, 5, (-2)/5)]`, तो A के अवयव a23, a31, a12 लिखिए।
यदि X = `[(3, 1, -1),(5, -2, -3)]` और Y = `[(2, 1, -1),(7, 2, 4)]` हों तो X + Y ज्ञात कीजिए।
यदि A = `[(0, 1),(1, 1)]` और B = `[(0, -1),(1, 0)]` हैं तो दिखाइए कि (A + B) (A - B) A2 - B2.
आव्यूह A, B और C के ऐसे उदाहरण दीजिए जो इस प्रकार हों कि AB = BC, जहाँ A एक शून्येतर आव्यूह है, परंतु B ≠ C है।
माना A और B, 3 × 3 के वर्ग आव्यूह हैं। क्या (AB)2 = A2B2 सत्य है? कारण बताइए।
यदि A = `[(1, 2),(-1, 3)]`, B = `[(4, 0),(1, 5)]`, C = `[(2, 0),(1, -2)]` तथा a = 4, b = –2 हों तो दिखाइए कि (a + b)B = aB + bB
यदि `[(0, "a", 3),(2, "b", -1),("c", 1, 0)]` एक विषम सममित आव्यूह हो तो a, b और c के मान ज्ञात कीजिए।
यदि संभव हो तो प्रांरभिक पंक्ति संक्रियाओं के प्रयोग से निम्मलिखित आव्यूह का व्युत्क्रम ज्ञात कीजिए।
`[(2, 0, -1),(5, 1, 0),(0, 1, 3)]`
यदि A = `1/pi [(sin^-1(xpi), tan^-1(x/pi)),(sin^-1(x/pi), cot^-1(pix))]`, B = `1/pi [(-cos^-1(x/pi), tan^-1 (x/pi)),(sin^-1(x/pi),-tan^-1(pix))]` हो तो A – B बराबर है।
आव्यूह `[ (1, 0, 0 ), ( 0, 2, 0), (0, 0, 4 )]` एक
दो विषम सममित आव्यूहों का योग सदैव ______ आव्यूह होता है।
किसी आव्यूह का ऋण आव्यूह इसको ______ से गुणा करके प्राप्त किया जाता है।
आव्यूहों का गुणनफल, योग का ______ करता है।
यदि A विषम सममित आव्यूह है तो kA (k कोई अदिश है) एक ______ है।
दो आव्यूह समान होते हैं यदि उनकी पंक्तियों तथा स्तंभों की संख्या समान हो।
एक वर्ग आव्यूह जिसका प्रत्येक अवयव 1 हो तो उसे तत्समक आव्यूह कहते हैं।
एक स्तंभ आव्यूह का परिवर्त स्तंभ आव्यूह होता है।
यदि A और B समान कोटि के कोई दो आव्यूह हैं तब (AB)′ = A′B′
यदि (AB)′ = B′ A′, जहाँ A और B वर्ग आव्यूह नहीं है तब A के पंक्तियों की संख्या B के स्तंभों की संख्या के बराबर होगी तथा A के स्तभों की संख्या B के पंक्तियों की संख्या के बराबर होगी।
किसी भी आव्यूह A के लिए AA′ सदैव सममित आव्यूह होता है।
(AB)–1 = A–1. B–1 जहाँ A और B व्यूत्क्रमणीय आव्यूह हैं जो गुणन के क्रम - विनिमेय नियम को संतुष्ट करते हैं।