English
Maharashtra State BoardSSC (English Medium) 9th Standard

कल्पनाप्रधान निबंध: यदि किताबें न होतीं - Hindi - Composite [हिंदी - संयुक्त]

Advertisements
Advertisements

Question

कल्पनाप्रधान निबंध: यदि किताबें न होतीं

Long Answer

Solution

यदि किताबें न होतीं

किताबें न होतीं तो ज्ञान न होता,
सारे जहाँ का उत्थान न होता।

किताबें ज्ञान का प्रमुख स्रोत हैं। इन्हीं से हमारी ज्ञान की भूख मिटती है। किताबें हमें हमारे अतीत की झलक दिखाती हैं और भविष्य का मार्ग प्रदर्शित करती हैं। अगर किताबें न होतीं, तो हम अपने अतीत से अनजान रह जाते। आज जब हम लगातार विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, तो इसका श्रेय किताबों में मौजूद ज्ञान को ही जाता है। अगर किताबें न होतीं, तो हमें पूर्वजों का ज्ञान प्राप्त नहीं होता, और इसी आधार पर हम इतना विकास नहीं कर पाते।

एक समय था जब जनश्रुतियों के आधार पर पारंपरिक ढंग से शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया जाता था। उस समय न कागज थे न किताबें। गुरु मौखिक रूप से ही अपना सारा ज्ञान शिष्यों को देते थे और शिष्य भी उसी ज्ञान को आधार बनाकर अपने जीवन को अर्थ देते थे। उस समय किताबों के न होने के कारण कई प्रकार के वैदिक, शास्त्रीय, चिकित्सकीय ज्ञान का लोप होने लगा। ऐसे में उस समय के ज्ञानियों और विशेषज्ञों ने ज्ञान को लिखित रूप में सुरक्षित रखने का रास्ता खोज निकाला। इसके बाद ताम्रपत्र, भोजपत्र, शिलालेख आदि के जरिए ज्ञान का प्रचार-प्रसार शुरू हुआ। इसके जरिए एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी की उन्नति में सहायक बनता गया। उस समय विज्ञान ने इतनी प्रगति नहीं की थी, इसलिए ज्ञान को लिखित रूप से संग्रहित करना इतना आसान नहीं था। उस समय के लोगों ने पांडुलिपियों के जरिए ज्ञान को संग्रहित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।

आज किताबों का स्वरूप बदल गया है। बड़े प्रिंटिंग प्रेसों में किताबों की छपाई हो रही है, और एक साथ हजारों-लाखों किताबें तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा, किताबों के अत्याधुनिक रूप जैसे ई-बुक्स, सीडी, डीवीडी आदि भी देखने को मिलते हैं। यदि किताबें न होतीं, तो हजारों वर्षों के संचित ज्ञान, शोध और अनुसंधान से हम अनजान रह जाते। इन्हीं किताबों के माध्यम से हम अपनी संस्कृति, सभ्यता और विचारों को एक पीढ़ी से दूसरी तक पहुंचा रहे हैं। अगर ये किताबें न होतीं, तो हम आज सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और वैचारिक रूप से इतने विकसित न होते, न ही हम अपनी अगली पीढ़ी को उज्ज्वल भविष्य की सौगात दे पाते।

shaalaa.com
निबंध लेखन
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 4: रचना विभाग - निबंध लेखन [Page 88]

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Lokbharati 9 Standard Maharashtra State Board
Chapter 4 रचना विभाग
निबंध लेखन | Q (२) ३. | Page 88
Balbharati Hindi - Kumarbharati 9 Standard Maharashtra State Board
Chapter 2.14 रचना एवं व्याकरण विभाग
स्वाध्याय | Q (६) | Page 118
Balbharati Hindi (Composite) - Lokvani Class 9 Maharashtra State Board
Chapter 2.9 रचना विभाग एवं व्याकरण विभाग
निबंध | Q २ | Page 52

RELATED QUESTIONS

किसी पालतू प्राणी की आत्‍मकथा लिखिए।


'यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता,' विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लेखन कीजिए।


'जल है तो कल है' विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लिखिए।


‘मेरा प्रिय वैज्ञानिक’ विषय पर निबंध लेखन कीजिए।


वैचारिक निबंध: सेल्फी: सही या गलत


वर्णनात्मक निबंध: विज्ञान प्रदर्शनी का वर्णन


निम्नलिखित विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।

नदी किनारे एक शाम


‘मैं प्रकृति बोल रही हूँ’ विषय पर निबंध लेखन कीजिए। 


‘वर्तमान समय में शांति के क्षेत्र में/पर्यावरण संरक्षण में भारत की भूमिका का महत्‍त्‍व’ विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लेखन कीजिए।


‘युवापीढ़ी का उत्‍तरदायित्‍व’ विषय पर लगभग सौ शब्‍दों में निबंध लिखिए।


निम्नलिखित एक विषय पर लगभग ८० से १०० शब्दों में निबंध लिखिए:

पुस्तक की आत्मकथा


निम्नलिखित विषय पर 200 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए:

प्रातः काल योग करते लोग


निम्नलिखित दिए गए शीर्षक पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए।

मेरे बगीचे में खिला गुलाब


निम्नलिखित दिए गए शीर्षक पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए।

विद्यालय में मेरा प्रिय कोना


निम्नलिखित विषय पर 60 - 70 शब्दों में निबंध लिखिए:

मेरा प्रिय नेता


निम्नलिखित विषय पर लगभग 70 से 80 शब्दों में निबंध लिखिए:

मैं पृथ्बी बोल रही हूँ...


निम्नलिखित विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

मैं सड़क बोल रही हूँ......


निबंध लेखन -

कोरोना काल में दूरदर्शन की भूमिका


निबंध लेखन -

मेरा प्रिय खिलाड़ी


निबंध लिखिए:

घायल सैनिक की आत्मकथा


निम्नलिखित दिए गए शीर्षक पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

जैसे ही मैंने अलमारी खोली


नीचे दिए गए अप्रत्याशित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

झरोखे से बाहर


नीचे दिए गए अप्रत्याशित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

आज़ादी का अमृत महोत्सव: स्वर्णिम 75 साल


निम्नलिखित विषय पर लगभग 120 शब्दों में लघुकथा लिखिए।

एक वीर सिपाही का सपना


निबंध लिखिए-

यदि इंटरनेट (अंतरजाल) न होता....


निबंध लिखिए-

विद्यार्थी और अनुशासन


निबंध लिखिए-

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है।


निबंध लिखिए -

जल संचयन


निम्नलिखित विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।

नालंदा की सैर


निम्नलिखित विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।

यदि मोबाइल न होता


निम्नलिखित विषय पर लगभग (80-100) शब्दों में निबंध लिखिए।

स्वच्छता


निम्नलिखित विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।

एक किसान की आत्मकथा


‘मैं लाल किला बोल रहा हूँ...’ निबंध लिखिए।



पुढील घटक (फूल) तुमच्याशी बोलत आहे, अशी कल्पना करून त्या घटकाचे (फुलाचे) आत्मवृत्त लिहा.


रामवृक्ष बेनीपुरी द्‍वारा लिखित ‘गेंहूँ बनाम गुलाब’ निबंध पढ़िए और उसका आकलन कीजिए ।


खालील मुद्‌द्यांच्या आधारे ‘मी अनुभवलेला पाऊस’ या विषयावर निबंध लिहा.


मैं और डिजिटल दुनिया।


निम्नलिखित विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए:

पाठ्यपुस्तक की आत्मकथा


वर्णनात्मक -


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×