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Chapters
2: स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता
3: विद्युत धारा
4: गतिमान आवेश और चुंबकत्व
5: चुंबकत्व एवं द्रव्य
6: वैद्युतचुंबकीय प्रेरण
7: प्रत्यावर्ती धारा
8: वैद्युतचुंबकीय तरंगें
9: किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
▶ 10: तरंग-प्रकाशिकी
11: विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति
12: परमाणु
13: नाभिक
14: अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी - पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
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Solutions for Chapter 10: तरंग-प्रकाशिकी
Below listed, you can find solutions for Chapter 10 of CBSE NCERT for Physics [Hindi] Class 12.
NCERT solutions for Physics [Hindi] Class 12 10 तरंग-प्रकाशिकी अभ्यास [Pages 385 - 387]
589 nm तरंगदैर्ध्य का एकवर्णीय प्रकाश वायु से जल की सतह पर आपतित होता है। (a) परावर्तित, तथा (b) अपवर्तित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति तथा चाल क्या होगी? जल का अपवर्तनांक 1.33 है।
निम्नलिखित दशा में तरंगाग्र की आकृति क्या है?
किसी बिंदु स्रोत से अपसरित प्रकाश।
निम्नलिखित दशा में तरंगाग्र की आकृति क्या है?
उत्तल लेन्स से निर्गमित प्रकाश, जिसके फोकस बिंदु पर कोई बिंदु स्रोत रखा है।
निम्नलिखित दशा में तरंगाग्र की आकृति क्या है?
किसी दूरस्थ तारे से आने वाले प्रकाश तरंगाग्र का पृथ्वी द्वारा अवरोधित भाग।
काँच का अपवर्तनांक 1.5 है। काँच में प्रकाश की चाल क्या होगी? (निर्वात में प्रकाश की चाल 3.0 × 108 m s−1 है।)
क्या काँच में प्रकाश की चाल, प्रकाश के रंग पर निर्भर करती है? यदि हाँ, तो लाल तथा बैंगनी में से कौन-सा रंग काँच के प्रिज्म में धीमा चलता है?
यंग के द्विझिरी प्रयोग में झिरियों के बीच की दूरी 0.28 mm है तथा परदा 1.4 m की दूरी पर रखा गया है। केंद्रीय दीप्त फ्रिंज एवं चतुर्थ दीप्त फ्रिंज के बीच की दूरी 1.2 cm मापी गई है। प्रयोग में उपयोग किए गए प्रकाश की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए।
यंग के द्विझिरी प्रयोग में, λ तरंगदैर्घ्य का एकवर्णीय प्रकाश उपयोग करने पर, परदे के एक बिंदु पर जहाँ पथांतर λ है, प्रकाश की तीव्रता K इकाई है। उस बिंदु पर प्रकाश की तीव्रता कितनी होगी जहाँ पथांतर `λ/3` है?
यंग के द्विझिरी प्रयोग में व्यतिकरण फ्रिंजों को प्राप्त करने के लिए 650 nm तथा 520 nm तरंगदैर्घ्यों के प्रकाश-पुंज का उपयोग किया गया।
650 nm तरंगदैर्घ्य के लिए परदे पर तीसरे दीप्त फ्रिंज की केंद्रीय उच्चिष्ठ से दूरी ज्ञात कीजिए। (दिया है, D = 120 cm तथा d = 2 mm)
यंग के द्विझिरी प्रयोग में व्यतिकरण फ्रिंजों को प्राप्त करने के लिए 650 nm तथा 520 nm तरंगदैर्घ्यों के प्रकाश-पुंज का उपयोग किया गया।
केंद्रीय उच्चिष्ठ से उस न्यूनतम दूरी को ज्ञात कीजिए जहाँ दोनों तरंगदैर्घ्यों के कारण दीप्त फ्रिंज संपाती (coincide) होते हैं। (दिया है, D = 120 cm तथा d = 2 mm)
एक द्विझिरी प्रयोग में एक मीटर दूर रखे परदे पर एक फ्रिन्ज की कोणीय चौड़ाई 0.2° पाई गई है। उपयोग किए गए प्रकाश की तरंगदैर्ध्य 600 nm है। यदि पूरा प्रायोगिक उपकरण जल में डुबो दिया जाए तो फ्रिन्ज की कोणीय चौड़ाई क्या होगी? जल का अपवर्तनांक 4/3 लीजिए।
वायु से काँच में संक्रमण (transition) के लिए बूस्टर कोण क्या है? (काँच का अपवर्तनांक = 1.5)।
5000 Å तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक समतल परावर्तक सतह पर आपतित होता है। परावर्तित प्रकाश की तरंगदैर्ध्य एवं आवृत्ति क्या है? आपतन कोण के किस मान के लिए परावर्तित किरण आपतित किरण के लम्बवत होगी?
उस दूरी का आकलन कीजिए जिसके लिए किसी 4 mm के आकार के द्वारक तथा 400 nm तरंगदैर्घ्य के प्रकाश के लिए किरण प्रकाशिकी सन्निकट रूप से लागू होती है।
अतिरिक्त अभ्यास
एक तारे में हाइड्रोजन से उत्सर्जित 6563 Å की Hα लाइन में 15 Å का अभिरक्त-विस्थापन (red-shift) होता है। पृथ्वी से दूर जा रहे तारे की चाल का आकलन कीजिए।
किसी माध्यम (जैसे जल) में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल से अधिक है। न्यूटन के कणिका सिद्धान्त द्वारा इस आशय की भविष्यवाणी कैसे की गई। क्या जल में प्रकाश की चाल प्रयोग द्वारा ज्ञात करके इस भविष्यवाणी की पुष्टि हुई? यदि नहीं, तो प्रकाश के चित्रण का कौन-सा विकल्प प्रयोगानुकूल है?
आप मूल पाठ में जान चुके हैं कि हाइगेन्स का सिद्धान्त परावर्तन और अपवर्तन के नियमों के लिए किस प्रकार मार्गदर्शक है। इसी सिद्धान्त का उपयोग करके प्रत्यक्ष रीति से निगमन (deduce) कीजिए कि समतल दर्पण के सामने रखी किसी वस्तु का प्रतिबिंब आभासी बनता है, जिसकी दर्पण से दूरी, बिंब से दर्पण की दूरी के बराबर होती है।
तरंग संचरण की चाल को प्रभावित कर सकने वाले कुछ सम्भावित कारकों की सूची है
- स्रोत की प्रकृति,
- संचरण की दिशा,
- स्रोत और / या प्रेक्षक की गति,
- तरंगदैर्घ्य, तथा
- तरंग की तीव्रता।
बताइए कि …………
- निर्वात में प्रकाश की चाल,
- किसी माध्यम (माना काँच या जल) में प्रकाश की चाल इनमें से किन कारकों पर निर्भर करली है?
ध्वनि तरंगों में आवृत्ति विस्थापन के लिए डॉप्लर का सूत्र निम्नलिखित दो स्थितियों में थोड़ा-सा भिन्न है-
- स्रोत विरामावस्था में तथा प्रेक्षक गति में हो, तथा
- स्रोत गति में परन्तु प्रेक्षक विरामावस्था में हो।
जबकि प्रकाश के लिए डॉप्लर के सूत्र निश्चित रूप से निर्वात में, इन दोनों स्थितियों में एकसमान हैं। ऐसा क्यों है? स्पष्ट कीजिए। क्या आप समझते हैं कि ये सूत्र किसी माध्यम में प्रकाश गमन के लिए भी दोनों स्थितियों में पूर्णतः एकसमान होंगे?
द्विझिरी प्रयोग में, 600 nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश करने पर, एक दूरस्थ परदे परसे बने फ्रिज की कोणीय चौड़ाई 0.1° है। दोनों झिर्रियों के बीच कितनी दूरी है?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
एकल झिरी विवर्तन प्रयोग में, झिरीं की चौड़ाई मूल चौड़ाई से दोगुनी कर दी गई है। यह केन्द्रीय विवर्तन बैंड के साइज तथा तीव्रता को कैसे प्रभावित करेगी?
द्विझिरी प्रयोग में, प्रत्येक झिरी का विवर्तन, व्यतिकरण पैटर्न से किस प्रकार सम्बन्धित है?
सुदूर स्रोत से आने वाले प्रकाश के मार्ग में जब एक लघु वृत्ताकार वस्तु रखी जाती है तो वस्तु की छाया के मध्य एक प्रदीप्त बिन्दु दिखाई देता है। स्पष्ट कीजिए क्यों?
दो विद्यार्थी एक 10 m ऊँची कक्ष विभाजक दीवार द्वारा 7m के अन्तर पर हैं। यदि ध्वनि और प्रकाश दोनों प्रकार की तरंगें वस्तु के किनारों पर मुड़ सकती हैं तो फिर भी वे विद्यार्थी एक-दूसरे को देख नहीं पाते यद्यपि वे आपस में आसानी से वार्तालाप किस प्रकार कर पाते हैं?
किरण प्रकाशिकी, प्रकाश के सीधी रेखा में गति करने की संकल्पना पर आधारित है। यद्यपि विवर्तन प्रभाव (जब प्रकाश का संचरण एक द्वारक/झिरी या वस्तु के चारों ओर प्रेक्षित किया जाए) इस संकल्पना को नकारता है तथापि किरण प्रकाशिकी की संकल्पना प्रकाशकीय यन्त्रों में प्रतिबिम्बों की स्थिति तथा उनके दूसरे अनेक गुणों को समझने के लिए सामान्यतः उपयोग में लाई जाती है। इसका क्या औचित्य है?
दो पहाड़ियों की चोटी पर दो मीनारें एक-दूसरे से 40 km की दूरी पर हैं। इनको जोड़ने वाली रेखा मध्य में आने वाली किसी पहाड़ी के 50 m ऊपर से होकर गुजरती है। उन रेडियो तरंगों की अधिकतम तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए, जो मीनारों के मध्य बिना पर्याप्त विवर्तन प्रभाव के भेजी जा सकें?
500 pm तरंगदैर्ध्य का एक समान्तर प्रकाश-पुंज एक पतली झिरीं पर गिरता है तथा 1 m दूर परदे पर परिणामी विवर्तन पैटर्न देखा जाता है। यह देखा गया कि पहला निम्निष्ठ परदे पर केन्द्र से 2.5 mm दूरी पर है। झिरीं की चौड़ाई ज्ञात कीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जब कम ऊँचाई पर उड़ने वाला वायुयान ऊपर से गुजरता है तो हम कभी-कभी टेलीविजन के परदे पर चित्र को हिलते हुए पाते हैं। एक सम्भावित स्पष्टीकरण सुझाइए।
जैसा कि आप मूल पाठ में जान चुके हैं कि विवर्तन तथा व्यतिकरण पैटर्न में तीव्रता का वितरण समझने का आधारभूत सिद्धान्त तरंगों का रेखीय प्रत्यारोपण है। इस सिद्धान्त की तर्कसंगति क्या है?
एकल झिरी विवर्तन पैटर्न की व्युत्पत्ति में कथित है कि \[\frac {n\lambda}{a}\] कोणों पर तीव्रता शून्य है। इस निरसन (cancillation) को, झिरीं को उपयुक्त भागों में बाँटकर सत्यापित कीजिए।
Solutions for 10: तरंग-प्रकाशिकी
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NCERT solutions for Physics [Hindi] Class 12 chapter 10 - तरंग-प्रकाशिकी
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