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सर्वदा केषां प्रियं कुर्यात्? - Sanskrit (संस्कृत)

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प्रश्न

सर्वदा केषां प्रियं कुर्यात्?

एक पंक्ति में उत्तर

उत्तर

 सर्वदा पितरोः आचार्यस्य च प्रियं कुर्यात्।

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नीतिनवनीतम्
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अध्याय 10: नीतिनवीनतम् - अभ्यासः [पृष्ठ ७१]

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एनसीईआरटी Sanskrit - Ruchira Class 8
अध्याय 10 नीतिनवीनतम्
अभ्यासः | Q 2. (च) | पृष्ठ ७१

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स्थूलपदान्यवलम्बय प्रश्ननिर्माणं कुरुत–

वृद्धोपसेविनः आयुविर्द्या यशो बलं न वर्धन्ते।


स्थूलपदान्यवलम्बय प्रश्ननिर्माणं कुरुत–

मनुष्यः सत्यपूतां वाचं वदेत्।


स्थूलपदान्यवलम्बय प्रश्ननिर्माणं कुरुत–

मातापितरौ नृणां सम्भवे अकथनीयं क्लेशं सहेते।


तयोः नित्यं प्रियं कुर्यात्।


संस्कृतभाषयां वाक्यप्रयोगं कुरुत–

तपः।


मातापितरौ नृणां सम्भवे कष्टं सहेते।


मनुष्यः सदैव मनः पूतं समाचरेत्।


मनुष्यः सदैव तदेव कर्म कुर्यात् येनान्तरात्मा तुष्यते।


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______ राजा तथा प्रजा।


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